गोला गोकर्णनाथ के प्रसिद्ध तीर्थ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद लखीमपुर खीरी में चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के अधीन जमुनाबाद के कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) के प्रथम फेज व प्रशासनिक भवन का लोकार्पण तथा कृषि विज्ञान केन्द्र जमुनाबाद के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने फसल अवशेष प्रबन्धन योजना के अन्तर्गत जनपद के 05 किसानों- अरविन्द कुमार सिंह, अमित कुमार वर्मा, सरदार मंगा सिंह, अनुपम बाजपेई और लवजीत सिंह को टैक्टर की प्रतीकात्मक चाभी सौंपी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा जनपद है। यहां के किसानों को नवीनतम तकनीक, उन्नत बीज तथा उनकी फसल के विक्रय के लिए बाजार चाहिए। कृषि महाविद्यालय के लोकार्पण की जनपदवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं से किसानों को जोड़ने के लिए आज महाविद्यालय का प्रथम फेज जनपदवासियों को समर्पित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बाबा गोला गोकर्णनाथ के प्रसिद्ध तीर्थ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसे रोजगार के साथ भी जोड़ा जाए। उन्होंने जनपद के 03 वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए प्रस्ताव शीघ्र भेजने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए। इससे इन गांवों का समुचित विकास किया जा सकेगा। उन्होंने किसानों से सिंचाई की आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज तथा अन्य नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाकर प्रति हेक्टेयर अधिक से अधिक गन्ना उत्पादन करने का आह्वान किया। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को तकनीकी जानकारी देने की इकाई है। खीरी में पूर्व से ही एक कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यरत था, किन्तु उसकी भी हालत अत्यन्त दयनीय थी। जनपद की आवश्यकता के दृष्टिगत 02 कृषि विज्ञान केन्द्र और 01 कृषि महाविद्यालय यहां के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। पूर्ववर्ती सरकारों में किसान सरकार के एजेण्डे में नहीं होते थे, किन्तु वर्ष 2014 में बनी केन्द्र सरकार ने प्रारम्भ में ही स्पष्ट कर दिया था कि गांव, किसान और नौजवान उनके एजेण्डे में सबसे ऊपर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती माता के स्वास्थ्य की चिन्ता करनी है। इसलिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की मदद से धरती को आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करके हम कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश में वर्तमान सरकार बनने के बाद लघु एवं सीमान्त किसानों का 01 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया गया है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए अपील की कि पराली को जलाया न जाए, बल्कि खेत के कोने में गड्ढा बनाकर उसे कम्पोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए। यह कम्पोट खाद जहां धरती की उर्वरता बढ़ाएगी, वहीं पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण से भी बचाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने गन्ना मूल्य बकाया भुगतान के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि जनपद की 09 में 05 चीनी मिलों ने अपना गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कर दिया है तथा शेष 04 गन्ना मिलों से अतिशीघ्र गन्ना मूल्य बकाया भुगतान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद महराजगंज में एक चीनी मिल द्वारा किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान न करने पर उनकी नीलामी कर किसानों का भुगतान कराया गया। किसानों की उपज की खरीद की समुचित व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रदेश में 5000 क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हंै तथा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को तौली गई उनकी उपज का भुगतान 72 घण्टे में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से करा दिया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने महाविद्यालय परिसर में लगे विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टाॅलों का भी अवलोकन किया। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गोला की छात्रा को स्वेटर प्रदान किया। उन्होंने कु0 कोमल और कु0 प्राची का अन्नप्राशन किया तथा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कर पोषाहार किट भी भेंट की।