नई दिल्ली. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर सन्देश में कहा, देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है. यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है. हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया. न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया.

वहीँ अयोध्या मामले पर फैसला सुनाए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह मामला दशकों से चल रहा था और यह सही निष्कर्ष पर पहुंच गया। इसे जीत या हानि के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हम समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी के प्रयासों का भी स्वागत करते हैं।