न्यूयोर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर न्यूयॉर्क की एक अदालत ने 20 लाख डॉलर (लगभग 14 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। ट्रम्प पर 2016 में अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के लिए चैरिटी की रकम खर्च करने का दोषी पाया गया। बताया गया है कि उन्होंने इन पैसों का उपयोग अपनी पहले से मुनाफे में चल रही कंपनी का कर्ज चुकाने और खुद की पेंटिंग्स खरीदने में भी किया। ट्रम्प और उनके वकील लंबे समय से इन आरोपों को सियासत से प्रेरित बताते रहे हैं।

न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्मस ने गुरुवार को कहा कि साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने चैरिटी संस्थाओं का पैसा चुनाव प्रचार में अनुचित तरीके से खर्च किया था। इसके लिए उन पर 2 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। अदालत में ट्रंप पर लगे आरोप सही साबित हुए हैं, जिसकी वजह से उन पर 20 लाख डॉलर (करीब 14 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है।

न्यायाधीश सैलियन स्क्रापुला ने गुरुवार को इस मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए यह भी आदेश दिया कि इस फाउंडेशन के बाकी बचे हुए फंड (लगभग 17 लाख डॉलर) को अन्य गैर लाभकारी संगठनों में बांट दिया जाए।

अटॉर्नी जनरल जेम्स की ओर से दाखिल इस मुकदमे में राष्ट्रपति ट्रंप पर 2.8 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाने की मांग की गई थी, मगर जज स्क्रापुला ने 20 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया। फाउंडेशन के वकील ने पहले कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप पर यह मुकदमा राजनीति से प्रेरित है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प पर चैरिटी के पैसों के दुरुपयोग का आरोप पिछले साल लगा था। अभियोजन पक्ष का आरोप था कि ट्रम्प ने चैरिटी का उपयोग अपनी चेकबुक की तरह किया। इसके बाद उनकी चैरिटी डोनाल्ड जे ट्रम्प फाउंडेशन बंद हो गई थी। न्यूयॉर्क कोर्ट की जज ने फैसले में कहा कि ट्रम्प पर जो जुर्माना लगाया गया है, वह उनकी चैरिटी में ही जाता, मगर वह अब अस्तित्व में नहीं है, इसलिए राष्ट्रपति को यह पैसा 8 अलग-अलग चैरिटियों को दान करना होगा।