नागपुर: महाराष्‍ट्र में सियासी गहमागहमी के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि संघ का महाराष्ट्र में सरकार बनाने से कोई लेना-देना नहीं है और इसे जोड़ना भी उचित नहीं होगा. इस बारे में फैसला बीजेपी को लेना है. उन्‍होंने कहा कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की 105 सीटें हैं और गठबंधन में जिसकी सीटें ज्यादा होती हैं उसी का मुख्यमंत्री होता है. मुझे यकीन है कि जल्द ही महाराष्ट्र में सरकार बनेगी और इसके लिए हमें शिवसेना का सहयोग मिलेगा. हमारी उनसे बातचीत जारी है. मैं केंद्र में हूं और मुझे राज्य में वापस लौटने में कोई दिलचस्पी नहीं है.

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच जारी गतिरोध के बीच गडकरी नागपुर पहुंचे हैं। यहीं पत्रकारों के सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा, 'फैसला जल्द हो जाएगा। महाराष्ट्र में सरकार देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में बनना चाहिए। आरएसएस और मोहन भागवत का इससे कोई कनेक्शन नहीं है।' गडकरी ने भरोसा जताया कि बीजेपी को शिवसेना का समर्थन हासिल हो जाएगा। गडकरी ने कहा, 'हमारी उनके साथ बातचीत जारी है।'

नितिन गडकरी ने खुद के महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर जारी बातों को भी अटकलबाजी करार दिया। नितिन गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में लौटने का सवाल ही नहीं उठता। बकौल गडकरी, 'मैं दिल्ली में हूं। महाराष्ट्र की राजनीति में आने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।'

बता दें कि 24 अक्टूबर को आये चुनाव के नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिलीं जो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 145 से कहीं अधिक है। बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।

गौरतलब है कि हाल में शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने कहा कि उन्होंने सरकार बनने को लेकर जारी गतिरोध पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत को चिट्ठी लिखी है। किशोर तिवारी ने कहा, 'मैंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को इसमें पहल के लिए चिट्ठी लिखी है और नितिन गडकरी को बातचीत के लिए भेजने को कहा है। नितिन गडकरी केवल दो घंटे में स्थिति का हल निकालने में सफल होंगे।'