तौक़ीर सिद्दीक़ी

गर्मी के मौसम में जब सूरज आग उगलता है तब भी उसकी तेज़ किरणें मस्जिदुल हराम के फर्श पर प्रभावहीन रहती हैं| यह वह फर्श है जो तेज़ गर्मी में ज़ायरीन के पैरों को ठंडक का एहसास कराता है|

हरम शरीफ के सेवादारों का कहना है हरम शरीफ के ख़ुद्दामों की ज़िम्मेदारी ज़ायरीने काबा को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना है| हर दौर में हरम शरीफ के बाहरी फर्श को दिन में ठंडा रखने के लिए विभिन्न तकनीकें इस्तेमाल की जाती रही हैं| इस ठंडक को हासिल करने के लिए एक विशेष प्रकार के संगे मरमर को तलाश किया जाता है जो सख्त गर्मी में भी कम से कम गर्म होने के गुण रखता हो |

अरब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार हरम शरीफ के फर्श की ठंडक का राज़ एक विशेष प्रकार का संगे मरमर है, 'अलतासूस' नाम का यह पत्थर दुर्लभ होने के साथ साथ बहुत मंहगा भी है| हरम शरीफ के लिए यह संगे मरमर विशेष रूप से यूनान से मंगाया जाता है|

ग़ौरतलब है कि मक्का शरीफ में पांच सेंटीमीटर मोठे पत्थर लगाए गए हैं| यह पत्थर रात के समय बारीक छिद्रों द्वारा नमी को सोखते हैं और दिन के समय उस नमी को छोड़ते हैं, इस प्रकार यह पत्थर कुदरती तौर पर भी गर्मी ठंडा रहता है|