नई दिल्ली: वाट्एसएप जासूसी कांड में केंद्र सरकार ने भले ही कहा हो कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है लेकिन इस मामलें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सरकार को घेरते हुए पांच साल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि इजरायली कंपनी एनएसओ ने स्पाइवेयर Pegasus को सिर्फ सरकारों को बेचती है. इससे पहले वाट्सएप की ओर से हमारी सरकार को कोई जवाब दिया जाए इन सवालों के उत्तर मिलने जरूर मिलने चाहिए. कपिल सिब्बल ने पूछा- सरकार के कौन से विभाग ने Pegasus को खरीदा, इसकी कीमत क्या है, यह ऑपरेशन किनके हाथ में था, जासूसी करने का निर्देश किसने दिया, और कौन से दूसरे प्लेटफॉर्म के साथ छेड़छाड़ की है. गौरतलब है कि वाट्सएप की ओर से कई भारतीयों को इस बात की सूचना दी गई है कि इजरायली कंपनी के स्पाइवेयर Pegasus का इस्तेमाल करके उनकी जासूसी की गई है. वाट्सएप के मुताबिक इस स्पाइवेयर के जरिए 20 देशों के नागरिकों की जासूसी की गई है.

इस स्पाईवेयर का नाम Pegasus है. जैसी ही आपको कई वीडियो कॉल करता है तो साइबर हमला करने वाला शख्स एक कोड जारी करता है जिसके जरिए यह आपके फोन में इंस्टॉल हो जाता है. भले ही वीडियो कॉल को आपने रिसीव न किया हो. फोन में इंस्टॉल होने के बाद इसके जरिए आपके फोन, कॉल, वाइस कॉल, पासवर्ल्ड, कॉन्टेक्ट लिस्ट, कलेंडर इवेंट, माइक्रोफोन, कैमरे तक की डिटेल आसानी से पाई जा सकती है.