लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार की घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार की वजह से उ0प्र0 में डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बुखार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ रखकर झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वास्थ्य विभाग अपनी उपलब्धियों और कामों के नाम पर पहचान नहीं बना सका लेकिन स्थानान्तरण और पोस्टिंग के भ्रष्टाचार की वजह से हमेशा चर्चा में बना हुआ है। उ0प्र0 के मुख्यमंत्री जो सरकार के मुखिया हैं ने भी स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता और लापरवाही पर कोई संज्ञान नहीं लिया। अभी तक डेंगू से प्रदेश में सैंकड़ों मौतें हो चुकी हैं तथा लगभग एक हजार के केस सामने आ चुके हैं। स्वाइन फ्लू के आज ही मात्र 10 घण्टे में लगभग 55 केस सामने आये हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में इस वर्ष लगभग दो हजार स्वाइन फ्लू के केस सामने आ चुके हैं जिनमें तकरीबन 30 लेागों की मृत्यु हो चुकी है। समय रहते उचित तरीके से दवाओं का छिड़काव और सरकारी अस्पतालों में इलाज का समुचित प्रबन्ध किया जाता तो निश्चित ही उत्तर प्रदेश के तमाम नौजवानों सहित लोगों को बचाया जा सकता था।

अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि सरकार ने न तो पहले से बचाव के प्रबन्ध किये और न ही अब ही ठोस उपाय किये जा रहे हैं, स्वास्थ्य मंत्री पिछले साल के झूठे आंकड़ों से इस वर्ष के आंकड़ों को कमतर पेश कर अपनी पीठ खुद थपथपा रहे हैं। मच्छरों का प्रकोप पूर्वांचल और पश्चिमी उ0प्र0 में भयावह रूप से हावी है उसके बावजूद भी किसी भी जनपद में न तो फांिगंग करायी जा रही है और न ही अस्पतालों में भर्ती मरीजों के समुचित इलाज का प्रबन्ध किया जा रहा है जिसके चलते इलाज के अभाव में सैंकड़ों लोग असमय अपनी जान गंवा रहे हैं।

मौजूदा हालात में पूरे प्रदेश में भयावह स्थिति है। विशेष तौर पर पूर्वांचल इससे कुछ ज्यादा प्रभावित है। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर व अयोध्या, बरेली सहित लगभग सभी जनपद इसकी चपेट में हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग में बजट का सदुपयोग न कर बंदरबांट किया जा रहा है। एक तरफ तो सरकार स्वच्छता को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही है लेकिन डेंगू और स्वाइन फ्लू की बीमारी से हो रही मौतों से जमीनी हकीकत और सरकार की कलई खुलकर सामने आ रही है।