नई दिल्ली: देश में आर्थिक सुस्ती का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बीते सितंबर में आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन 5.2 प्रतिशत घट गया है। जबकि अगस्त में यह गिरावट 0.5 फीसदी थी। पिछले साल कोर सेक्टर में 4.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर तक कोर सेक्टर की वृद्धि दर मात्र 1.3 फीसदी रही।

कोर सेक्टर के इंडेक्स में गिरावट कोल माइनिंग में कमी की वजह से आई हैॆ। माइनिंग में उत्पादन 20.5 फीसदी कम हो गया।इस सेक्टर में आठ उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट, इस्पात और बिजली शामिल हैं जिनकी औद्योगिक उत्पादन के कुल सूचकांक में 40 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी है।

पिछले साल सितंबर में कोर सेक्टर के उद्योगों का उत्पादन 4.3 प्रतिशत बढ़ा था। इस साल सितंबर 2019 में कोर सेक्टर का सूचकांक 120.6 के स्तर पर पहुंच गया है, जो पिछले साल सितंबर की तुलना में 5.2 फीसदी कम है।

कोल माइनिंग में भारी गिरावट आई है। सितंबर में कोयले के उत्पादन में 20.5 फीसदी की गिरावट आई है जबकि पिछले महीने में इसमें 8.6 फीसदी गिरावट आई थी। जबकि मासिक आधार पर कच्चे तेल के उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट पूर्ववत रही। प्राकृतिक गैस का उत्पादन 4.9 प्रतिशत गिर गया। जबकि पिछले महीने इसमें 3.9 फीसदी की गिरावट रही थी।

पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में 6.7 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन उर्वरक उत्पादन 5.4 प्रतिशत बढ़ा है। देश में स्टील उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि सीमेंट का उत्पादन 2.1 प्रतिशत घटा है। इसी समय, बिजली उत्पादन में 3.7 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन पिछले वर्ष की इसी अवधि में अप्रैल से सितंबर के दौरान इसका संचयी सूचकांक 3.6 प्रतिशत बढ़ गया।