नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए यूरोपीय यूनियन के सांसद निकोलस फेस्ट ने भारत के विपक्षी दलों के नेताओं को भी घाटी में जाने देने की वकालत की है। फेस्ट ने कहा, श्रीनगर की अपनी यात्रा में मुझे लगता है कि यदि आप यूरोपीय संघ के सांसदों को जाने देते हैं, तो आपको भारत के विपक्षी राजनेताओं में भी जाने देना चाहिए। सरकार को किसी तरह से इसका समाधान करना चाहिए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर आने वाले इन यूरोपीय सांसदों में से ज्यादातर 'मुस्लिम-विरोधी' दक्षिणपंथी हैं। यूरोपियन यूनियन के इस शिष्टमंडल में शामिल जर्मनी राइटविंग अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AFD) और यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्य लार्स पैट्रिक बर्ग ने कहा है कि इस शिष्टमंडल को 'मुस्लिम विरोधी' कहना गलत है। लार्स पैट्रिक को कुछ आवश्यक काम की वजह से यात्रा के बीच से ही जर्मनी वापस लौटना पड़ा।
जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए यूरोपीय यूनियन के 23 सांसदों का एक दल मंगलवार को दिवसीय दौरे पर पहुंचा है। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की केंद्र की घोषणा के बाद कश्मीर के दौरे पर आने वाला पहला शिष्टमंडल है।
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