नई दिल्ली: टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री का मानना है कि अंकों का बंटवारा टेस्ट और सीरीज जीतने के आधार होना चाहिए था। एक इंटरव्यू में उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के प्वॉइंट्स सिस्टम के फॉर्मेट में बदलाव के सुझाव दिए।
शास्त्री ने कहा, ''अब तक हमारे पास बड़ी लीड हो चुकी है। यह बताती है कि हम कितना कंसीस्टेंटली परफॉर्म कर रहे हैं। मैं तब अधिक खुश होता यदि टेस्ट और सीरीज जीतने पर अलग-अलग अंक मिलते। जैसे हमें 120 प्वॉइंट मिलते, 60 टेस्ट जीतने के लिए और 60 सीरीज जीतने के लिए। वह आदर्श स्थिति होती।''
भारतीय क्रिकेट टीम ने रांची में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका को हराकर तीन मैचों की सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया था।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस मैच में जीत के बाद आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 40 अंक मिले। इसके साथ ही भारत के खाते में 240 अंक हो गए और फिलहाल टीम इंडिया नंबर एक पर बनी हुई है, जबकि साउथ अफ्रीका अभी तक खाता भी नहीं खुला है। इसके अलावा वेस्टइंडीज, बांग्लादेश और पाकिस्तान की टीमों को कोई प्वाइंट नहीं मिला।
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के प्वाइंट्स टेबल में भारतीय टीम के आस-पास भी कोई टीम नहीं है। भारतीय टीम के बाद इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर मौजूद न्यूजीलैंड के 60 अंक हैं, जबकि श्रीलंकाई टीम भी 60 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर मौजूद है। वहीं ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें 56-56 अंकों के साथ चौथे और पांचवें नंबर पर मौजूद हैं।
क्या है प्वाइंट्स सिस्टम: हर सीरीज में कुल 120 अंक होंगे, जो में मैचों के आधार पर तय होते हैं। एक-दो टेस्ट मैच की सीरीज में अधिकतम 60 अंक हासिल किए जा सकते हैं, जबकि पांच मैचों की सीरीज में हर मैच से अधिकतम 24 अंक हासिल किए जा सकते हैं। टाई मैचों में जीत के मुकाबले आधे अंक मिलते हैं और मैच ड्रॉ होने पर जीत के एक-तिहाई अंक हासिल होते हैं।
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