बालागंज में जश्ने -ए-अहमद रज़ा मनाया गया
लखनऊ: आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन यूथ अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अहमद मियाॅ किछौछवी अध्यक्षता में मदरसा अशरफिया बरकते रज़ा व मख्दमू अशरफ अरबिक स्कूल बालागंज में जश्ने -ए-अहमद रज़ा मनाया गया जश्ने को खिताब करते हुए कहा कि आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा फाज़ले बरेलवी ने सारी जिन्दगी एहले सुन्नत वल जमात की फलाह और बका में गुजारी यही वजह है कि दुनिया इस्लाम में एहले सुन्नत की पहचान बन कर उभरे आज एहले सुन्नत वल जमात का हर बच्चा उनको याद करता है। इमाम अहमद रज़ा वह ज़ात का नाम है जिसने अहले बैत और सादात के मरतबे को दुनिया को बताया कि दुनिया का कितना बड़ा भी आलिमें दीन हो वह आले रसूल के बराबर नही हो सकता अगर आले रसूल किसी महफिल में आए और कोई उनकी अज़मत में नही खड़ा होता तो गोया उसने नबी की निस्बत की तौहीन की है। जुलूस-ए-मोहम्मदी के ताल्लुक़ से उन्होंने बता कि आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन ने ईद मिलादुन्नबी कैसे मनाए उसके लिए एक लाएअमल तैयार कर दिया है और आप अपने बच्चों को उस दिन की एहमियत क्या है बताईये दुनियावी खुराफात से बच्चों को बचाईये।

जश्न को खिताब करते हुए हज़रत सैयद हुसैन अशरफ ने कहा कि आज हमारे बीच इमाम अहमद रज़ा तो नही है लेकिन उनकी तालिमात आज भी जिन्दा है और एहले सुन्नत वल जमात की रहनुमाई कर रहा है। हिन्दुस्तान में बहुत सी बातिले ताकतों ने सर उठाने की कोशिश ज़रूर की मगर आला हज़रत की तहरीर आज भी उम्मते मोहम्मदी की रहनुमाई कर रही है।

इस मौके पर फातहे और कुल का एहतेमाम किया गया जिसमें मौलाना ज़ाकिर हुसैन, मौलाना मुन्नवर हुसैन, कारी आरिफ रज़ा, मौलाना अनवार चिश्ती के साथ की साथ मदरसा अशरफिया बरकाते रज़ा और मख्दुम अशरफ अरबिक स्कूल कमेटी के जिम्मेदारान, ताज मोहम्मद, अतीक अहमद, आजाद भाई, खुर्शीद आलम, सैफ अशरफी, मोहम्मद तनवीर और कसीर तादाद में लोग शामिल हुए।