नई दिल्ली: गुजरात की 6 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 2 सीटें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की नाक का सवाल बनी हुई थी। दरअसल, बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आए अल्पेश सिंह ठाकोर और धवलसिंग झाला पर दांव खेला था लेकिन उपचुनाव की निर्णायक जंग में दोनों ही कारतूस खाली निकल गए। राधनपुर विधानसभा सीट से अल्पेश ठाकोर अपने प्रतिद्वंदी से 3804 मतों से हार गए। उन्हें कांग्रेस उम्मीद रघुभाई देसाई ने हराया। अल्पेश ठाकोर को कुल 73603 वोट मिले, वहीं, रघुभाई देसाई के खाते में 77410 वोट गए। मतगणना में अंत तक दोनों नेताओं में कांटे की टक्कर चलती रही।

इन नतीजों से पता चलता है कि अन्य पिछड़ा वर्ग और पाटीदार समाज के बीत अल्पेश ठाकोर की चमक कुछ फीकी पड़ी है क्योंकि उन्हें इस समाज का प्रभावशाली जनप्रतिनिधी माना जाता है। यही वजह थी कि बीजेपी ने उन्हें महत्वपूर्ण सीट से उम्मीदवार बनाया था।

वहीं, बीजेपी ने अल्पेश ठाकोर के साथ ही कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए धवलसिंग झाला को बायड से उम्मीदवार बनाया था लेकिन वोटों के मामूली अंतर से वह हार गए। धवलसिंग झाला को कुल 64854 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार जशुभाई पटेल के खाते में 65597 वोट गए। धवलसिंग अपने प्रतिद्वंदी जशुभाई पटेल से महज 743 वोटों से हार गए।

चुनाव प्रचार से लेकर नतीजे आने तक लगातार यह सवाल उठ रहा था कि अल्पेश ठाकोर और धवलसिंग झाला को पार्टी में लेकर बीजेपी और सीएम रूपाणी ने प्रतिष्ठा के सवाल को जन्म दिया। जिसका हल उन्हें नहीं मिल सका और दोनों की नेता चुनाव हार गए।