नई दिल्ली: सीबीआई ने बुधवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उनके तत्कालीन कैबिनेट सहयोगी और मौजूदा भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत तथा एक निजी चैनल के प्रधान संपादक के खिलाफ कथित रुप से विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास के आरोप में केस दर्ज किया है।

केस 2016 में सामने आए स्टिंग वीडियो के आधार पर दर्ज किया गया है जिसमें हरीश रावत सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा के साथ चले गए असंतुष्ट विधायकों का दोबारा समर्थन हासिल करने के लिए खरीद-फरोख्त करते पाए गए थे, तब राज्य में राष्ट्रपति शासन था।

हाल ही में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई को मामले में अपनी जांच आगे बढ़ाने और हरीश रावत के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी दी थी। सीबीआई ने केस दर्ज करने के लिए शुरुआती जांच पर एक सीलबंद कवर में कोर्ट में रिपोर्ट पेश की थी।

वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया था और इसे अपने खिलाफ एक साजिश बताया था। उनका कहना था कि कुछ ताकतें हैं जो मुझे नष्ट करना चाहते हैं। लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं नहीं टूटूंगा।

साल 2016 में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के दौरान एक वीडियो सामने आया था जिसमें रावत सत्ता में बने रहने के लिये भाजपा के साथ चले गये असंतुष्ट विधायकों को समर्थन दोबारा हासिल करने के लिये कथित तौर पर डील करते दिखायी दे रहे हैं।

फ्लोर टेस्ट में रावत की जीत के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने मामले में सीबीआई जांच का प्रस्ताव दिया था और मामले में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्णय लिया। लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।