उर्स का दूसरा दिन: मज़ार शरीफ़ को गुसल दिया गया, लंगर की तकसीम, महफिले समां का दौर चला
लखनऊ: अकीदत मंदों ने अपनी अपनी अकीदत में डूब कर इतर गुलाब केवड़ा से हजरत मख़दूम शाह मीना शाह के मजार शरीफ को गुसल दिया और फूलों की चादर पेश की इसके बाद तमाम पीर-जादगान व खानदान मीनाईआ और मुख़तलिफ़ ख़ानकाहों के सज्जाद गान और अकीदत मंदों की मौजूदगी में क़ुल विदा का एहतिमाम किया गया। बाद नमाज अस्र हजरत मख़दूम शाह मीना शाह रह. के वालिदैन का क़ुल की रस्म अदा की गई और लंगर आम का सिलसिला दिन-भर जारी रहा। बाद नमाज इशा मज़ार शरीफ़ पर संदल पेश किया गया और पूरी शब महफ़िल समा का दौर चलता रहा। इस मौका पर पीरजादा शेख़ राशिद अली मीनाई ने कहा कि औलिया अल्लाह की निसबत जिसको हासिल हो जाये उस की दीन व दुनिया सब सँवर जाती है। वहीं उन्होंने साफ लफ़्जों में कहा कि शरीयत मुतह्हरा ही सब पर मुकद्दम है लिहाजा हम जब भी किसी बुजुर्ग के आस्ताने पर हाजिर हूँ तो अदब व एहतराम के साथ शरीयत मुतह्हरा का पूरा ख़याल रखें ताकि बुजुर्गों से हमारी वालहाना वाबस्तगी काबिल-ए-कबूल हो। इस मौका पर पीरजादा सगीर मीनाई, पीरजादा रईस अली मीनाई, पीरजादा शाकिर अली मीनाई उर्फ बाबू भाई, जाहिद अली मीनाई, शहनशाह अली मीनाई, सर्वत अली, अमान अली साद अली वगैरा खासतौर से शामिल थे। मशहूर कव्वाल पूरी रात सूफियाना महफिल समाव करेंगे।

कल का प्रोग्राम 9 बजे कु़ुल शरीफ बाद नमाज ज़ोहर मदरसों की जानिब से चादर पेश की जाएगी। 4ः30 बजे कुल शरीफ मखदूम शाह मीना शाह रह0। बाद इशा संदल पेश किया जाएगा। पूरी रात मशहूर कव्वाल हजरात सूफियाना कलाम पढ़ेंगे।