अब विदेश दौरे पर सुरक्षा अधिकारी भी जाएंगे साथ

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा को लेकर एक अहम बदलाव किया है। नई गाइडलाइन के अनुसार सरकार ने अब यह जरूरी कर दिया है कि एसपीजी सुरक्षा के अंतर्गत आने वाला कोई भी जब विदेश दौरे पर होगा, तब भी सुरक्षा दे रहे जवान उसके साथ होंगे।

पहले यह नियम लागू नहीं थे। यह नया बदलाव उस समय आया है जब राहुल गांधी विदेश दौरे पर हैं। एसपीजी सुरक्षा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी दी जाती है। राहुल गांधी के विदेश दौरों को लेकर खूब चर्चा होती है। इस बार भी राहुल के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं है कि वे असल में कंबोडिया या बैंकॉक कहां गये हैं।

सूत्रों के अनुसार नई गाइडलाइन के तहत ये भी जरूरी होगा कि एसपीजी सुरक्षा हासिल करने वाले अपनी यात्रा का विस्तृत ब्यौरा देना होगा। संडे गार्डियन की एक रिपोर्ट के अनुसार इनसे पुराने कुछ विदेश यात्राओं का भी ब्योरा मांगा गया है। यही नहीं, अगर एसपीजी सुरक्षा हासिल करने वाले ये शर्ते नहीं मानते हैं तो सरकार सुरक्षा के आधार पर उनके विदेश दौरों पर कटौती भी कर सकती है।

बता दें कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एसपीजी को 1985 में बनाया गया था। संसद ने भी एसपीजी एक्ट 1988 में पास किया। इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा का विशेष जिम्मा सौंपा गया। इसके बाद 1989 में वीपी सिंह की सरकार आने के बाद राजीव गांधी को दी गई एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई थी।

साल 1991 में हालांकि राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में बदलाव किया गया। एसपीजी सुरक्षा सभी पूर्व प्रधानमंत्री समेत उनके परिवार को कम से कम 10 साल तक देने का प्रावधान किया गया। साल 2002 में इसमें फिर बदलाव हुआ और इसे साल में एक बार रिव्यू की बात की गई। पिछले साल अगस्त में नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा हटा लिया था। मनमोहन सिंह को इसके बाद से जेड प्लस सुरक्षा दी जा रही है।