टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के नए नियमों से डीटीएच कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है। ट्राई के नए नियमों के लागू होने के बाद करीब 2 करोड़ लोगों ने डीटीएच कंपनियों की सेवाएं लेना छोड़ दिया है। नियमों के लागू होने के बाद करीब 2 करोड़ लोगों ने अप्रैल-जून तिमाही में डीटीएच सेवाएं लेना छोड़ दिया है। दरअसल ग्राहक बिलों के कम होने की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन डीटीएच बिलों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

ट्राई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में डीटीएच सर्विस के कुल 54.26 मिलियन सब्सक्राइबर्स थे जबकि साल की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च में कुल सब्सक्राइबर्स 72.44 मिलयन थे। माना जा रहा है कि ये गिरावट नए टैरिफ नियमों के लागू होने के बाद दर्ज की गई है। टाटा स्काई, डिश टीवी और एयरटेल टीवी जैसी डीटीएच कंपनियां निश्चित तौर पर प्रभावित हुईं होंगी। हालांकि किस पर कितना प्रभाव पड़ा है इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

ट्राई के नए टैरिफ ऑर्डर की वजह से ज्यादातर ग्राहकों के केबल टीवी बिल में बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से या तो वह कम चैनलों के चुनने के लिए मजबूर हैं या फिर वह फ्री वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विसेज की तरफ रुख कर रहे हैं। ओटीटी सर्विसेज ने भी डीटीएच सेवाओं को प्रभावित किया है। जी एंटरटेनमेंट का जी5, स्टार इंडिया का हॉटस्टार और सोनी के सोनी लाइव ने सब्सक्राइबर्स की संख्या को प्रभावित किया है। इन प्लेटफार्म्स पर ग्राहकों को मुफ्त टीवी शो देखने को मिलते हैं। वहीं इन एप्स के पेड वर्जन पर यूजर्स से डीटीएच की तरह मोटा पैसा नहीं वसूला जाता।

डीटीएच सब्सक्राइबर्स की संख्या में कमी की एक मुख्य वजह ऑन डिमांड कंटेंट भी मानी जा रही है। मंथली डीटीएच बिलों में बढ़ोतरी की वजह से ग्राहक अपने पैकेज को रिन्यू नहीं कर रहे बल्कि वह ऑन डिमांड कंटेंट की तरफ बढ़ रहे हैं। हाई स्पीड और कम कीमत के मोबाइल इंटरनेट ने टीवी देखने वालों को मोबाइल की तरफ शिफ्ट किया है। अब ग्राहक नेटफ्लिक्स, अमेजन और हॉटस्टार पर अपने पसंदीदा कंटेंट को कभी भी और किसी भी टाइम देख सकते हैं।