नई दिल्ली: रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह को योगी सरकार की तरफ से Y प्लस सुरक्षा दी गई है। खासबात बात है कि यह सुरक्षा विधायक के पार्टी लाइन तोड़कर विधासभा के विशेष सत्र में शामिल होने के महज एक दिन बाद ही दी गई है। अदिति सिंह कांग्रेस के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं।

वह पहली बार रायबरेली से विधायक चुनी गई हैं। इससे पहले अदिति सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पेश होने को लेकर रायबरेली टोल प्लाजा पर इस साल मई में हुए हमले को लेकर खुद के जान की खतरे का अंदेशा व्यक्त किया था। इसके बाद उन्होंने योगी सरकार से सुरक्षा की मांग की थी।

अदिति सिंह ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 2 अक्टूबर को यूपी विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेकर भाषण दिया था। हालांकि, कांग्रेस ने इस विशेष सत्र के बहिष्कार का ऐलान किया किया था। कांग्रेस विधानमंडल के नेता अजय कुमार लल्लू ने मंगलवार को ऐलान किया था कि पार्टी विधायक सदन का बहिष्कार करेंगे।

इससे पहले अदिति सिंह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन कर चुकी हैं। इससे पहले अदिति सिंह ने योगी सरकार की तरफ से आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने को सही कदम बताया। उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को लेकर अपनी बात रखने का यह अच्छा मौका था।

जानकारों के अनुसार अदिति सिंह का पार्टी लाइन तोड़कर विशेष सत्र में शामिल होने कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं है। यूपी में रायबरेली कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। यदि अदिति सिंह यहां पार्टी छोड़ती हैं तो इससे कांग्रेस के बड़ा झटका लग सकता है। इस बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन यहां उतना प्रभावी नहीं रहा था। सोनिया ने यहां भाजपा प्रत्याशी दिनेश सिंह को एक लाख मतों के अंतर से हराया था।

हालांकि, यह अंतर पिछले लोकसभा चुनाव से कम रहा। इस लोकसभा में विधानसभा की पांच सीटें हैं। इनमें से दो सीट कांग्रेस, दो भाजपा और एक सपा के पास है। भाजपा गांधी परिवार के करीबी दिनेश सिंह को अपने पाले में खींचने में कामयाब रही थी। दिनेश के छोटे भाई अवधेश सिंह रायबरेली के हरचंदपुर सीट से कांग्रेस को मौजूदा विधायक हैं।