लखनऊ: भाकपा-माले की राज्य इकाई ने योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में असम की तर्ज पर एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) लागू करने की कवायद को भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बताते हुए आलोचना की है।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि योगी सरकार द्वारा प्रदेश की पुलिस को इस तरह का दिया गया ताजा आदेश एनआरसी को यूपी में भी लागू करने की कोशिश है, जिसे असम में लागू करने से 19 लाख से भी ज्यादा लोग नागरिकता विहीन होने के कगार पर हैं। असम में इस तरह का मानवीय संकट पैदा करने वाला एनआरसी यूपी में भी संकट खड़े करेगा। जाहिरा तौर पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ केंद्रित यह कार्यक्रम मोदी-योगी शासन में उनके पुनः उत्पीड़न का सबब बनेगा।

उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनावों के मौके पर योगी सरकार बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था में गिरावट, उन्नाव व चिन्मयानंद प्रकरण समेत अपनी विफलताओं से ध्यान बंटाने के लिए एनआरसी को ला रही है, जो उसकी साम्प्रदायिक राजनीति के खांचे में बिल्कुल फिट बैठती है।

पार्टी ने एनआरसी को यूपी में लागू करने पर रोक लगाने की मांग की है।