नई दिल्ली. असम में चुनाव आयोग ने उन लोगों को भी वोट डालने का अधिकार दिया है, जिनका नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में शामिल नहीं है. हालांकि, एनआरसी लिस्ट से बाहर रखे गए लोगों को ये अधिकार तभी तक होगा, जब तक नागरिक ट्रिब्यूनल उनके खिलाफ कोई निर्णय ना दे. इन सभी को 'डी' मतदाता की श्रेणी में रखा गया है.

संदिग्ध या 'डी' मतदाता असम में मतदाताओं की एक श्रेणी है, इस श्रेणी में उनलोगों को रखा जाता है, जिनकी नागरिकता अनिश्चित या विवादित होती है. 1997 में चुनाव आयोग ने राज्य की मतदाता सूची को संशोधित करने के समय इसे पेश किया था. जबकि 'डी' मतदाता असम के मतदाता सूची में बने हुए हैं, वे तब तक चुनाव में मतदान नहीं कर सकते जब तक कि उनका मामला किसी विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा तय नहीं किया जाता है.

चुनाव आयोग के अनुसार नागरिक ट्रिब्यूनल का निर्णय आने तक वोटर लिस्ट में उपस्थित सभी मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार होगा. दरअसल, असम में 31 अगस्त को एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई थी. एनआरसी की लिस्ट में लगभग 19 लाख लोगों का नाम नहीं मौजूद हैं. असम में जिन लोगों के नाम एनआरसी के फाइनल लिस्ट में नहीं शामिल है, वो इसके खिलाफ नागरिक ट्रिब्यूनल की ओर रूख किया है और उनके दावों पर सुनवाई चल रही है.