नई दिल्ली: भारतीय सेना का चीता हेलिकॉप्टर शुक्रवार (27 सितंबर 2019) को भूटान में हादसे का शिकार हो गया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार दो जवानों की मौत हो गई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक हेलिकॉप्टर में दो पायलट सवार थे। इनमें से एक पायलट भूटान का तो दूसरा भारत का था। हेलिकॉप्टर योनफूला डोमेस्टिक एयरपोर्ट के नजदीक क्रैश हुआ। बताया जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर दोपहर करीब 1.30 बजे हादसे का शिकार हुआ।

हादसे की तस्वीरें भी सामने आई है जिसमें देखा जा सकता है कि क्रैश के बाद हेलिकॉप्टर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पायलटों की मौके पर ही मौत हो गई। हेलकॉप्टर में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक का पायलट सवार थे जो कि भूटान के पायलट के साथ ट्रेनिंग कर रहे थे।

वहीं हादसे पर भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा ‘भारतयी सेना का हेलिकॉप्टर दोपहर एक बजे भूटान के योनफूला क्षेत्र में हादसे का शिकार हो गया। हेलिकॉप्टर के साथ एक बजे के बाद रेडियो और विजुअल संपर्क नहीं हो सका। इसमें सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक जवान शहीद हो गए। शहीद जवान का नाम जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। हेलिकॉप्टर खिरमू (अरुणाचल प्रदेश) से योनफूला की तरफ जा रहा था। भूटान का एक ट्रेनी पायलट भी इसमें मौजूद था जिसकी जान चली गई।’

बता दें कि 80 के दशक के चीता हेलिकॉप्टर को ‘डेथ ट्रैप’ भी कहा जाने लगा है। सेना काफी समय से इसे हटाने की मांग कर रही है। इससे पहले उत्तराखंड के केदारनाथ में भारतीय सेना का हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार होते-होते रह गया। लैंडिंग के समय हेलिकॉप्टर का संतुलन बिगड़ गया था। उसमें एक पायलट और 5 यात्री सवार थे। हालांकि इस दौरान कोई जान-माल का नुकसान नहीं होगा।