लखनऊ: यहां राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले की किताबें पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित कर रही हैं पर आज लगातार हो रही वर्षा ने उनकी इस चाहत में व्यवधान डाला। इसके बावजूद पुस्तक मेला और इसके मंच पर होने वाले विमोचन कार्यगोष्ठी व गीत संगीत के कार्यक्रम लगातार आयोजित हुए। गांधी बाल एवं युवा मंच के कार्यक्रम भी मुख्य मंच पर आ गये। पुस्तक मेले का आज सातवां दिन था।

सुबह कार्यक्रमों का आगाज अ.भा.अगीत परिषद् की काव्य सम्मेलन से हुआ। सम्मेलन से पहले रत्ना बापूली के बाल कविता संग्रह नव पल्लव का लोकार्पण पूर्व पुलिस महानिदेशक महेशचन्द्र द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में विद्यासागर मिश्र, देवेश द्विवेदी, त्रिवेणी प्रसाद, अनिल किशोर निडर को साहित्य प्रभाकर सम्मान तथा डॉ.योगेश, डॉ.शोभा दीक्षित, रूपा पाण्डेय शतरूपा को साहित्य मार्तण्ड सम्मान प्रदान किया गया।

इसी क्रम में चिरंजीव सिन्हा व हर्षाश्री के 23 कहानियों के संग्रह अनुभूति: हर रिश्ता कुछ कहता है का विमोचन हिंदी संस्थान के अध्यक्ष सदानंद गुप्त की अध्यक्षता में हुआ। इतिहासविद् योगेश प्रवीण ने लखनऊ की गंगा जमुनी तहजीब के बारे में विस्तार से बताया। डा.विद्याविंदु सिंह, सुधाकर अदीब, सर्वेश अस्थाना, चरण सिंह बशर, पुलिस उपमहानिरीक्षक विजय भूषण, अपर पुलिस अधीक्षक रश्मि रानी व अलका प्रमोद कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे। चिरंजीव सिन्हा वर्तमान में अपर पुलिस अधीक्षक हंै और हर्षाश्री रक्षा मंत्रालय में कार्यरत हैं। प्रभात प्रकाशन की यह पुस्तक वर्तमान समय में रिश्तांे में संवेदना, कशिश और एक दूसरे से जुड़ाव को गहरे तक रेखांकित करती है। सुल्तानपुर की रामानुज त्रिपाठी सृजन संस्थान व कविता लोक के संयोजन में गीतिका बोधिनी पुस्तक को लोकार्पण हुआ। वैदही फाउण्डेशन की ओर हुए कार्यक्रम में नवरात्र की पूर्व वेला पर स्त्री शक्ति को प्रदर्शित करते हुए 15 महिलाएं काली, दुर्गा, लक्ष्मी, राधा, मीरा आदि विभिन्न देवियों के रूप में मंत्र, श्लोक व संवाद बोलती मंच पर नजर आईं। रुचि सिन्हा की कोरियोग्राफी व संचालन एंजेल प्रवीण ने किया।

अरुणिका, सावी सिन्हा, आलिया, सीमा मिश्रा, अंकुर, साक्षी, बीना इत्यादि बच्चों और युवाओं ने अपनी गायन वादन प्रतिभा दिखाई तो विद्याभूषण सोनी के दल की नृत्य व संगीत प्रस्तुतियां हुईं। सचिन ने आक्टोपैड और सुरेश ने तबले पर साथ निभाया।