नई दिल्ली: देश अभी नए मोटर व्हीकल एक्ट और ट्रैफिक नियमों के जुर्माने से जूझ ही रहा है कि सरकार एक नई योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को सड़कों से दूर रखने के लिए उनके पंजीकरण के नवीकरण शुल्क में कई गुना वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।

लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के अनुसार ये प्रस्तावित बढ़ोतरी जुलाई 2020 से लागू की जाएगी। परिवहन मंत्रालय द्वारा तैयार की गई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी की रूपरेखा को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन ऐसी खबर है कि जल्द ही इसे मंत्रिमंडल के पास इसकी स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इस नई नीति को लागू करने के पीछे सरकार की मंशा है कि ऐसे पुराने वाहन जो ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं उनके प्रयोग पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा सरकार की नई स्क्रैपिंग पॉलिसी को भी बढ़ावा मिल सके।

मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नीति में कई प्रावधान दिए गए हैं। इसके अनुसार पुराने निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के रेनुअल के लिए 25 गुना ज्यादा फीस ली जा सकती है। जो अभी 600 रुपये है वो बढ़कर 15,000 रुपये तक हो सकती है। वहीं कमर्शियल चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के रेनुअल का शुल्क 1,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये किया जा सकता है। इसके अलावा मध्यम वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों के लिए, पंजीकरण के नवीनीकरण का शुल्क 1,500 रुपये से बढ़कर 40,000 रुपये तक किया जा सकता है।

यदि कोई वाहन 15 से ज्यादा पुराना है और उसके रजिस्ट्रेशन को रेन्यू नहीं किया गया है जो उसका रजिस्ट्रेशन स्वत: ही निष्क्रिय हो जाएगा। फिलहाल इस बारे में अभी सरकार की तरफ से आधिकारिक घोषणा होना बाकी है। कुछ जानकारों का मानना है कि सरकार की नई स्क्रैपिंग पॉलिसी से देश के मंद पड़े ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को रफ्तार भी मिलेगी, क्योंकि लोग नए वाहनों को खरीदेंगे।

बता दें कि, बीते अगस्त महीने में पैसेंजर वाहनों की बिक्री का प्रदर्शन सबसे बुरा रहा है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री 31.6% घटकर 196,524 इकाई हो गई। अब ऐसे में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी सरकार की इस नई नीति से खासी उम्मीदे हैं।