कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा (BJP) पर आरोप लगाया कि एनआरसी को लेकर उसने भय का माहौल बनाया है.
बनर्जी ने दावा किया कि इस वजह से राज्य में छह लोगों की मौत हो गई. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यहां व्यापार संघों की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वह राज्य में एनआरसी लागू नहीं होने देंगी.

बनर्जी ने कहा, ‘एनआरसी बंगाल या देश के किसी भी हिस्से में नहीं होगा. असम में यह असम समझौते की वजह से हुआ.' असम समझौता 1985 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के बीच हुआ था.

बनर्जी ने कहा, 'बंगाल में एनआरसी को लेकर भय पैदा करने वाली भाजपा पर धिक्कार है. इसके कारण पश्चिम बंगाल में छह लोगों की जान चली गई. मुझ पर भरोसा रखिए. पश्चिम बंगाल में एनआरसी को कभी मंजूरी नहीं मिलेगी.'

असम में हाल ही में प्रकाशित अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम नहीं हैं. भाजपा पर देश में 'लोकतांत्रिक मूल्यों को कमतर' करने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र है लेकिन देश के कई अन्य हिस्सों में यह खतरे में है.'

उन्होंने कहा कि भाजपा रोजगार कम होने या भारत की अर्थव्यवस्था के नीचे जाने की कोई बात नहीं कर रही, वह तो बस अपने राजनीतिक हितों को साधना चाहती है. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण या उन्हें बंद किये जाने के खिलाफ 18 अक्टूबर को रैली निकाली जाएगी. मैं इसमें भाग लूंगी.'

जाधवपुर विश्वविद्यालय में 19 सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल की जनता ने देखा है कि उन्होंने (एबीवीपी, भाजपा ने) विश्वविद्यालय में क्या किया, वे हर जगह सत्ता हासिल करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने मीडिया को आड़े हाथ लेते हुए उस पर केंद्र की भाजपा नीत सरकार के आगे झुकने का आरोप लगाया.