नई दिल्ली: इस्राईल की मुख्य अरब पार्टी ने ज़ायोनी प्रधान मंत्री नेतनयाहू को सत्ता से बाहर करने के लिए चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीतने वाले बेनी गैंट्ज़ के समर्थन की घोषणा कर दी है। रविवार को जोइंट लिस्ट के नेता अयमन ओदेह ने कहा, इस समर्थन का मतलब गैंट्ज़ की नीतियों या स्वयं उनकी पुष्टि करना नहीं है, बल्कि नेतनयाहू को सत्ता से दूर रखना है।

गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी 17 सितम्बर को हुए आम चुनाव में 33 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, जबकि नेतनयाहू की लिकुड पार्टी केवल 31 सीटें ही जीत सकी है। जबकि अरब गठबंधन को 13 सीटें प्राप्त हुई हैं और वह सबसे अधिक सीटें जीतने में तीसरे नम्बर पर है। इस्राईल में सरकार के गठन के लिए 61 सीटों की ज़रूरत होती है।

ओदेह ने न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए कहा, नेतनयाहू को सत्ता से बाहर रखने के लिए यह अहम क़दम उठाया गया है और इसके बाद उनका राजनीतिक जीवन ही ख़त्म हो जाएगा।

1992 के बाद यह पहली बार है कि अवैध अधिकृत इलाक़ों में रहने वाले फ़िलिस्तीनी अरबों ने प्रधान मंत्री पद के प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया है। 1992 में उन्होंने इसहाक़ राबिन को समर्थन दिया था, जिन्होंने तथाकथित ओसलो समझौता किया था।

ग़ौरतलब है कि अवैध अधिकृत इलाक़ों में अभी भी 20 प्रतिशत फ़िलिस्तीनी नागरिक रहते हैं, जिन्हें ज़ायोनी शासन की नस्लवादी और रंगभेदी नीतियों का सामना करना पड़ता है।

चुनाव प्रचार के दौरान नेतनयाहू ने वादा किया था कि अगर वह चुनाव जीत जाते हैं तो पश्चिमी तट की जॉर्डन घाटी का अवैध अधिकृत इलाक़ों में विलय कर देंगे।

हालांकि गैंट्ज़ भी इसी तरह की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन अब उनका दावा है कि वह फ़िलिस्तीनियों के साथ तथाकथित शांति चाहते हैं और वह ट्रम्प प्रायोजित तथाकथित डील ऑफ़ द सेंचरी पर भी चुप्पी साधे रहे हैं।

फ़िलिस्तीनियों ने बड़े पैमाने पर अमरीकी राष्ट्रपति की इस योजना का विरोध किया है।