नई दिल्ली. हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के दरम्यान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (CEC Sunil Arora) ने 'एक देश एक चुनाव' के मुद्दे पर संकेत दिए.

अरोड़ा ने संकेत दिए कि One Nation One Poll की अवधारणा अभी हकीकत बनने नहीं जा रही. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान अरोड़ा से पत्रकारों ने सवाल किए.

इस दौरान एक सवाल आया कि क्या देश 'One Nation One Poll' के करीब जा रहा है… इस पर CEC ने कहा कि 'अभी इस विषय पर चर्चा पूरी नहीं हुई है.' अपने जवाब को विस्तार देते हुए अरोड़ा ने कहा कि 'जब तक राजनीतिक दलों के बीच एक राय नहीं बनती , हम आगे नहीं बढ़ सकते.'

'वन नेशन वन पोल' का जिक्र सबसे पहले बीजेपी के 2014 के घोषणा पत्र में हुआ था और बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी (BJP) पार्टी अध्यक्ष अमित शाह दोनों ने इस पर कई बार बात रखी है.

दूसरी बार पीएम बनने के तुरंत बाद, नरेंद्र मोदी ने सभी दलों को विचार पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था. मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी इस पर विचार किया था लेकिन पूर्व चुनाव आयुक्तों ने इसकी आलोचना की.

पूर्व चुनाव आयुक्तों में से एक टीएस कृष्णमूर्ति, का मानना है कि कि चुनाव ड्यूटी के लिए अर्धसैनिक बलों की ताकत बढ़ाने सहित कई प्रशासनिक व्यवस्थाएं एक साथ रखने की आवश्यकता हो सकती है. कृष्णमूर्ति ने यह भी कहा है कि इस विचार के कई फायदे हैं लेकिन यह आवश्यक संवैधानिक संशोधनों के बिना संभव नहीं होगा.

तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने पिछले साल अगस्त में विचार को लागू करने के लिए संवैधानिक संशोधन करने की आवश्यकता के बारे में भी बात की थी, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या निकट भविष्य में इसे लागू करने की संभावना है, तो उन्होंने कहा था, 'कोई चांस नहीं.'