नई दिल्ली: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंद किया गया है। सरकार ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर के हालात के मद्देनजर राजनीतिक नेताओं को नजरबंद किया गया है। लेकिन फारुक अब्दुल्ला के समर्थन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी उतर पड़े हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार राष्ट्रवादी नेताओं को रास्ते से हटा रही है। फारुक अब्दुल्ला जैसे नेताओं को तत्काल रिहा करने की जरूरत है। फारुक अब्दुल्ला जैसे नेताओं की नजरबंदी से जो राजनीतिक निर्वात पैदा हुआ है उसे आतंकी भरेंगे। ऐसे हालात में कश्मीर को शेष भारत के साथ ध्रुवीकरण के लिए राजनीतिक औजार के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में वर्तमान हालात का आतंकी फायदा न उठा सकें। अब जरूरत इस बात की सभी राष्ट्रवादी नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए। वो कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में हालात को सामान्य बनाने के लिए इन नेताओं को विश्वास में लेना होगा। इन नेताओं के ऊपर केंद्र सरकार को भरोसा करना होगा।

बता दें कि नजरबंदी के समय फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि आप सभी लोग देख सकते हैं उनके साथ क्या किया गया है। लेकिन उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकती है। इसके साथ ही अगस्त के महीने में ट्वीट के जरिए पीडीपी की महबूबा मुफ्ती अपने विचार रख रही थीं। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह बेहतर होगा कि केंद्र और राज्य सरकार हालात सामान्य बनाने के लिए आगे आए। लेकिन सुरक्षा को दांव पर रखकर नेताओं को राज्य में जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। हाल ही में अदालत ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को वहां जाने की इजाजत दी है। लेकिन भाषण देने से मना कर दिया।