नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी को मिलने वाले चंदे में इस साल पांच गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। कांग्रेस द्वारा बीती 30 अगस्त को चुनाव आयोग के सामने पेश किए गए आंकड़े के अनुसार, पार्टी को साल 2018-19 में 146 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। हालांकि वह अभी भी भाजपा को मिलने वाले चंदे से काफी पीछे हैं। बता दें कि बीते वित्तीय वर्ष में कांग्रेस को सिर्फ 26 करोड़ रुपए का चंदा मिला था। कांग्रेस ने जो आंकड़े पेश किए हैं, उनके अनुसार, पार्टी को इलेक्टोल बॉन्ड्स के द्वारा कोई चंदा नहीं मिला है और कुल चंदे में से 98 करोड़ रुपए इलेक्टोरल ट्रस्ट के चंदे से ही मिले हैं।

कांग्रेस पार्टी को जिन ट्रस्ट से चंदा मिला है, उनमें द प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (टाटा ग्रुप द्वारा समर्थित) से सबसे ज्यादा 55 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। वहीं प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (भारती एयरटेल और डीएलएफ द्वारा समर्थित) से 39 करोड़ रुपए, आदित्य बिरला जनरल ट्रस्ट और समाज द्वारा 2-2 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया। गौरतलब है कि बड़े कॉरपोरेट हाउस ने कांग्रेस को कोई चंदा नहीं दिया है।

जिन कॉरपोरेट हाउस द्वारा कांग्रेस को इस साल चंदा दिया गया है उनमें ग्वालियर एल्कोब्रू (7 करोड़), HEG और निरमा ग्रुप(2.5-2.5 करोड़) अपर्णा इंफ्रास्ट्रक्चर हाउसिंग लिमिटेड (1 करोड़) मनीपाल ग्रुप के टीवी मोहनदास पई (35 लाख रुपए) का नाम शामिल है। किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए चंदे की बात करें तो बेंगलुरू की फौजिया खान ने निजी तौर पर सबसे ज्यादा चंदा दिया है। फौजिया खान ने कांग्रेस को बतौर चंदे 4.4 करोड़ रुपए दिए हैं। वहीं बेंगलुरू के एचए इकबाल हुसैन ने, जिनका पता भी फौजिया खान वाला ही है, उन्होंने पार्टी को 3 करोड़ का चंदा दिया है।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बात करें तो दोनों ने पार्टी फंड में 54-54 हजार रुपए का चंदा दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने 2 लाख, पवन बंसल और मनीष तिवारी ने 35-35 हजार और नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी ने भी 35-35 हजार रुपए का चंदा दिया है।

भाजपा ने अभी तक चुनाव आयोग में अपने चंदे के आंकड़े पेश नहीं किए हैं। बता दें कि साल 2017-18 में भाजपा ने जो आंकड़े पेश किए थे उनके मुताबिक पार्टी को 1027 करोड़ रुपए का चंदा मिला था। उल्लेखनीय है कि प्रूडेंट ग्रुप द्वारा बीते साल भाजपा को 144 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया, जबकि उसी साल इस ग्रुप ने कांग्रेस को 10 करोड़ रुपए का चंदा दिया था।

कांग्रेस को जहां इस साल इलेक्टोरल बॉन्ड से कोई चंदा नहीं मिला, जबकि भाजपा को मिले चंदे में इलेक्टोरल बॉन्ड्स का बड़ा हिस्सा होता है। बीते साल भाजपा को मिले कुल चंदे 1027 करोड़ में से 945 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड्स से ही मिले थे, जबकि इलेक्टोरल ट्रस्ट से 140 करोड़ रुपए मिले थे।