**यमन के हूती विद्रोहियों ने ली हमले की ज़िम्मेदारी*
नई दिल्ली: सऊदी अरब में अरामको के दो बड़े संयंत्रों अब्कैक और खुरैस पर हूती विद्रोहियों के ड्रोन अटैक से लगी आग पर काबू पा लिया गया है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इन हमलों के बाद वहां तेल उत्पादन में हर दिन 50 लाख बैरल की कमी आई है. ये सऊदी अरब के कुल तेल उत्पादन का आधा हिस्सा है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी इजाफे की आशंका जताई जा रही है.

सऊदी की सरकारी मीडिया का कहना है कि इस हमले में दोनों प्रतिष्ठानों में भीषण आग लग गई. जारी की गई तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि अरामको की सबसे बड़ी रिफाइनरी वाले इलाके में भयानक आग लगी थी. दूसरा ड्रोन हमला खुरैस तेल के इलाके में हुआ और वहां भी आग लग गई.

यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको पर किए ड्रोन हमले किए थे. सऊदी अरब में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के दो संयंत्रों में शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया था. ऐसा माना जाता है कि हूति विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है.

यमन के विद्रोहियों द्वारा ये हमला ऐसे समय में किया गया है, जब यह कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही है. इस हमले के बाद सऊदी अरब के तेल का कुल उत्पादन लगभग आधा हो गया है. आधिकारिक सऊदी समाचार एजेंसी ने गृह मंत्रालय के एक बयान के हवाले से कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समयानुसार एक बजे अरामको के औद्योगिक सुरक्षा दलों ने अब्कैक और खुरैस में ड्रोन हमले के कारण लगी आग से निपटना शुरू किया.' उन्होंने बताया, "दोनों संयंत्रों में लगी आग पर नियंत्रण पा लिया गया है.'

यमन में मौजूद ईरान समर्थित हूती विद्रोही संगठन के एक वरिष्ठ सदस्य याह्या सारए ने बताया कि इस हमले को अंजाम देने के लिए 10 ड्रोन सऊदी भेजे गए थे. याह्या ने अल-मसिरह टीवी को बताया कि आने वाले वक्त में ऐसे हमलों को अंजाम दिया जा सकता है. सऊदी अरब के अधिकारियों की तरफ से अब तक याह्या के दावों का कोई जवाब नहीं आया है.