नई दिल्ली: पाकिस्तान ने UNHRC में दिए एक संयुक्त बयान में दावा किया है कि जम्मू कश्मीर मुद्दे पर उसे दुनिया भर के 60 देशों का समर्थन हासिल है। हालांकि उन देशों का नाम उजागर ना करने की वजह से पाकिस्तान के इस दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं। एक अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने बताया कि समर्थन करने वाले देशों की एक लिस्ट भारत को सौंपी गई है लेकिन इन मामलों पर नजर रखने वाले लोगों ने इससे इनकार किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान जिन 60 देशों के समर्थन की बात कर रहा है उसमें 57 देश ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) के और एक चीन हो सकता है। हालांकि कई ओआईसी सदस्यों ने भारत के प्रतिनिध मंडल से मुलाकात में भारत का समर्थन किया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने देशों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं इसका मतलब कुछ गड़बड़ है। भारत की तरफ से पाकिस्तान के इस संयुक्त बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

गौरतलब है कि भारत ने मंगलवार को यूएनएचआसी में कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का फैसला उसका संप्रभु निर्णय है और यह पूरी तरह से आतंरिक मामला है। भारत ने पाकिस्तान के ‘‘सनकपन में दिए बयान’’ और कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की जांच की उसकी मांग को सिरे से खारिज कर दिया।

यूनएचआरसी के 42वें सत्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी के बयान पर जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए विदेश मंत्रालय में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा, ‘‘ हम इस मंच (यूएनएचआरसी) का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करने के इरादे से पाकिस्तान की ओर से दिए गलत आख्यान और सनकपन भरे बयान पर आश्चर्यचिकत नहीं हैं। हमारे फैसले से पाकिस्तान को एहसास है कि सीमा पार आतंकवाद प्रयोजित कर बाधा उत्पन करने की कोशिशों में उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई है।’’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भारत विरोधी भड़काऊ बयान की पृष्ठभूमि में आर्यन ने कहा, ‘‘ कुछ पाकिस्तानी नेता इस हद तक चले गए कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जिहाद का आह्वान किया।’’ जम्मू-कश्मीर निवासी भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान से कहा कि कश्मीर के लोग लोकतंत्र के मूल मूल्यों को संरक्षित करने के लिए एकजुट हैं और जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान को कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है।

आर्यन ने कहा कि यूएनएचआरसी मंच पर पाकिस्तान ने मानव अधिकार पर विश्व की आवाज की तरह खुद को पेश किया, लेकिन वह दुनिया को मूर्ख नहीं बना सकता। पाकिस्तान का इतिहास सच्चाई बता रहा है। इस हथकंडे से पाकिस्तान धार्मिक समूहों और जातीय अल्पसंख्यकों जैसे ईसाई,हिंदू, सिख, शिया, अहमदिया के उत्पीड़न से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान नहीं भटका सकता।