नई दिल्ली: आर्थिक मंदी का असर गुजरात के हीरा कारोबार पर भी देखने को मिल रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दीवाली के मौके पर अपने कर्मचारियों को गिफ्ट के रूप में कार और फ्लैट देने वाले कारोबारी का कहना है कि इस ऐसा कुछ नहीं हो सकेगा।
गुजरात के हीरा कारोबार की बड़ी कंपनियों में शामिल हरी कृष्णा एक्पोर्ट्स प्रोफिट के लिए जूझ रही है। त्योहारी सीजन के बावजूद कंपनी को मांग में 30 फीसदी कमी का सामना करना पड़ा रहा है। स्थिति यह है कि हीरा कारोबार से जुड़ी छोटी यूनिटों को अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करनी पड़ी है। इसके अलावा काम के घंटों में भी कमी की गई है।
अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन आयोजित सेमिनार में हिस्सा लेने आए सूरत के अरबपति हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया के छोटे भाई घनश्याम ने कहा कि हीरा कारोबार में मंदी की स्थिति है। कारोबार की मांग में 25-30 फीसदी की गिरावट है। हीरा पॉलिश के लिए अमेरिका और चीन हमारे देश के लिए बड़ा बाजार है। दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर के कारण अनिश्चितता का माहौल है। इसका असर डिमांड पर देखने को मिल रहा है।
हीरा यूनिटों ने अपना प्रोडक्शन घटा दिया है। घनश्याम के अनुसार सूरत के हीरा कारोबार में पिछले 7-8 महीने से गंभीर मंदी का दौर है। यहां यूनिटें न सिर्फ काम के घंटों में कटौती कर रहीं हैं बल्कि कर्मचारियों को भी काम से निकाल रही हैं। रविवार के अलावा हीरा यूनिटों में शनिवार को भी छुट्टी दी जा रही है। मालूम हो कि सूरत में दुनिया की प्रमुख डायमंड प्रोसेसिंग सेंटर्स हैं। यहां से हीरा प्रोडक्शन का करीब 80 फीसदी हिस्सा निर्यात होता है। यहां करीब 3500 डायमंड प्रोसेसिंग यूनिटें हैं।
हरि कृष्णा एक्सपोर्ट के पास सूरत और मुंबई में 7500 हीरे के काम करने वाले कारीगर हैं। कंपनी का मुंबई में संचालन देखने वाले घनश्याम ने कहा कि इस बार शायद ऐसा नहीं होगा। कंपनी का बिजनेस इस महीने पूरी तरह से कमजोर रहा है। हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स के मालिक सावजी ढोलकिया अपने कर्मचारियों को दिवाली पर कार बांटने व फ्लैट देने को लेकर चर्चा में रह चुके हैं।
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