नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 9 लोगों के खिलाफ अब दिल्ली पुलिस राजद्रोह का मुकदमा नहीं चलाएगी। दरअसल, आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली पुलिस को मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस मामले में कहा कि पुलिस ने जो सबूत पेश किया है, उसके मुताबिक कन्हैया और अन्य लोगों पर देशद्रोह का मामला नहीं बनता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्ट के सामने आम आदमी पार्टी कि सरकार अपना विचार रखेगी। इसके अलावा दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस को भी इस मामले पर दिल्ली सरकार के रुख से अवगत कराया जाएगा।
बता दें कि देशद्रोह पर कोर्ट पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता है। इसके लिए राज्य के गृह मंत्रालय की मंजूरी जरूरी होती है। फिलहाल, इस मामले पर फैसला कोर्ट तय करेगी।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने जेएनयू राजद्रोह मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए किसी निर्णय तक पहुंचने के वास्ते एक महीने का समय मांगा था। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने 'आप' सरकार को तय समय सीमा के साथ उचित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के डीसीपी प्रमोद कुशवाह ने पहले अदालत से कहा था कि एजेंसी ने पहले ही अनुमति के लिए दिल्ली सरकार को अनुरोध भेजा गया था।
मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने इस साल 14 जनवरी को कन्हैया कुमार, उमर खालिद एवं अनिर्बान भट्टाचार्य समेत विश्वविद्यालय के कई अन्य पूर्व विद्यार्थियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वे नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में निकाले गए जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने उस कार्यक्रम में लगाये गये राजद्रोही नारों का समर्थन किया था।
बता दें कि जेनएयू में कथित देश विरोधी कार्यक्रम को लेकर देश भर में हंगामा हो गया था। उस घटना के बाद जेएनयू छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था।
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