नई दिल्ली: दिल्ली के चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने आज आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अलका लांबा ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से इसकी पुष्टि की। उन्होंने लिखा, ‘AAP को गुड बाय कहने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का वक्त आ गया है। पिछले 6 साल की यात्रा मेरे लिए अच्छी सीख रही। सभी को धन्यवाद। आप विधायक लांबा ने पिछले महीने कहा था कि उन्होंने पार्टी छोड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ने का मन बना लिया है।

लांबा पिछले कुछ समय से आप नेतृत्व खासकर पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली से नाराज चल रही थीं। केजरीवाल पर पार्टी में मनमानी करने का आरोप लगाते हुए वह इसका सार्वजनिक तौर पर कई बार विरोध कर चुकी हैं। लांबा और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले कुछ समय से टकराव की स्थिति जो शुरू हुई, वह किसी न किसी रूप में चलती रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से जवाबदेही मांगी थी। इसके बाद उन्हें पार्टी विधायकों के आधिकारिक वॉट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया था।

विधायक अलका लांबा ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था और उन्होंने केजरीवाल के रोडशो के दौरान मुख्यमंत्री की कार के पीछे चलने के लिए कहे जाने के बाद रोडशो में भाग नहीं लिया था। यही नहीं लांबा और आप के बीच सबसे पहले टकराव राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न सम्मान को वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित करने के पार्टी के फैसले को लेकर हुआ था। लांबा ने पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्तियां उठाई थीं।उन्होंने दिसंबर 2018 में ट्वीट किया था कि आप ने उन्हें प्रस्ताव का समर्थन करने को कहा जिससे उन्होंने इनकार कर दिया। लांबा ने कहा था कि वह इसके लिए किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं।