नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने के पीछे उद्देश्य लोगों को कानून का उल्लंघन करने से रोकना है।

गडकरी ने इस संबंध में पूछे गये सवाल पर कहा कि जुर्माना राशि बढ़ाने का मकसद जुर्माने से धन जुटाना कतई नहीं है। मोटर वाहन कानून में संशोधन के जरिये यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने में भारी बढ़ोतरी की गई है।

देश के विभिन्न हिस्सों से खबरें आ रही हैं कि यातायात पुलिस ने उल्लंघनों के लिए बढ़े हुए जुर्माने को वसूलना शुरू दिया है। गडकरी ने कहा कि लोगों में कुछ गलत धारणा बैठी हुई है। ‘‘यदि वे कानून का पालन करेंगे तो उन पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। कानून जुर्माना वसूलने के लिए नहीं लागू किया गया है।

इसका मकसद यह है कि लोग यातायात नियमों को गंभीरता से लें और उनका उल्लंघन करने से बचें।’’ मंत्री ने कहा कि नए कानून के क्रियान्वयन के बाद यातायात नियमनों के अनुपालन को लेकर जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि एक बार लोगों ने कानून का अनुपालन शुरू कर दिया तो जुर्माना लगाने की जरूरत नहीं होगी।

परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हर साल डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु होती है। उन्होंने कहा कि व्यापक स्तर पर मोटर वाहन कानून में संशोधन सफल रहा है। बेहतर जागरूकता के बाद चालान की संख्या कम होगी।

इस तरह की खबरों कि कुछ गैर भाजपा शासित राज्यों ने कहा है कि वे संशोधित मोटर वाहन कानून लागू नहीं करेंगे, गडकरी ने कहा कि इस तरह की कोई स्थिति नहीं है और यह विषय संविधान की समवर्ती सूची में है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सभी राज्य सरकारों के साथ गहन विचार विमर्श के बाद लाया गया है।

संसद ने जुलाई में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है। संशोधित कानून के तहत शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना राशि 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई है जबकि खतरनाक तरीके से वाहन चलाने के लिए जुर्माना 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये किया गया है।