नई दिल्ली: सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार (3 सितंबर) को कहा कि कैबिनेट ने फैसला लिया है कि सरकार और एलआईसी, आईडीबीआई बैंक में 9,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेंगे। इसमें सरकार की ओर से एकबारगी पुनर्पूंजीकरण के रूप में 4,557 करोड़ रुपये की पूंजी भी शामिल है।

उन्होंने कहा है कि पिछले दो साल से जो मर्जर हुआ है उससे एलआईसी और आईडीबीआई बैंक एकसाथ आने से दोनों का फायदा हुआ है। बता दें, एलआईसी के अनुषंगी आईडीबीआई बैंक को चालू वित्त वर्ष की 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में 3,800.84 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान की वजह से बैंक का घाटा बढ़ा है।

एक साल पहले की अप्रैल -जून अवधि में बैंक का घाटा 2,409.89 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में बैंक का फंसे कर्ज यानी एनपीए के लिए प्रावधान बढ़कर 7,009.49 करोड़ रुपये हो गया। 2018-19 की अप्रैल – जून अवधि में यह आंकड़ा 4,602.55 करोड़ रुपये था।

जून तिमाही के दौरान , कुल अकास्मिक व्यय और प्रावधान बढ़कर 6,332.05 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 5,235.96 करोड़ रुपये था। आईडीबीआई बैंक ने शेयर बाजार को बताया था कि समीक्षावधि के दौरान बैंक की कुल आय गिरकर 5,923.93 करोड़ रुपये रह गई। 2018-19 की पहली तिमाही में उसकी आय 6,402.50 करोड़ रुपये थी। बैंक की ब्याज से शुद्ध आय घटकर 1,458 करोड़ रुपये रही।