नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बागी विधायक अलका लांबा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकती हैं इस बात को उस वक्त बल मिला जब वो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंची, इस मुलाकात के मायने निकाले जाने लगे कहा जा रहा है कि वह जल्दी ही कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकती हैं। दिल्ली की चांदनी चौक से विधायक अलका ने सोनिया से उनके आवास पर मुलाकात की, हालांकि उन्होंने अभी कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कुछ भी साफ नहीं किया है।

मुलाकात के बाद अलका ने कहा, 'सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि संप्रग की प्रमुख और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा की एक बड़ी नेता भी हैं। देश के मौजूदा हालात पर उनसे लंबे समय से चर्चा बाकी थी। आज मौका मिला तो उनसे हर मुद्दे पर खुलकर बात हुई।'

उन्होंने कहा, 'राजनीति में ये विमर्श का दौर चलते रहता है और चलते रहना चाहिए।' अलका की सोनिया से इस मुलाकात के बाद ये अटकलें तेज हो गई हैं कि वह जल्द ही कांग्रेस का हिस्सा बन सकती हैं।

अलका पहले भी एनएसयूआई और कांग्रेस में रह चुकी हैं। इससे पहले इसी साल अप्रैल में अलका लांबा ने जामा मस्जिद के बाहर के लोगों से पूछा था कि क्या उन्हें आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि 'पार्टी के लोग' उनके इस्तीफे की बार-बार मांग कर रहे हैं।

आप विधायक सौरभ भारद्वाज सौरभ ने उन्हें पार्टी से इस्तीफा देने का ताना दिया था। चांदनी चौक के विधायक अल्का ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी बार-बार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है और वह इस बारे में लोगों से राय लेना चाह रही थीं।

लांबा ने कहा 'मैं बीजेपी के खिलाफ लड़ रही हूं लेकिन कुछ लोग मेरे खिलाफ लड़ रहे हैं। मेरी पार्टी के लोग मुझसे बार-बार इस्तीफा देने के लिए कह रहे हैं। मैं जानना चाहती हूं कि मेरी गलती क्या है। मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए? मैं चाहती हूं कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र चांदनी चौक के लोग तय करें कि मुझे 'आप' से इस्तीफा देना चाहिए या नहीं।' उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने का एक ही रास्ता है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हाथ मिला लें।

फिर मई 2019 में अलका लांबा को पार्टी विधायकों के व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया था। इस ग्रुप में अरविंद केजरीवाल भी हैं। अलका ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। व्हाट्सएप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा करते हुए उन्होंने लिखा, 'गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों? मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप (केजरीवाल) कह रहे हैं, कभी ग्रुप में जोड़ते हो, कभी निकालते हो, बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते, बात करते, गलतियों और कमियों पर चर्चा करते, सुधार कर के आगे बढ़ते।'

दरअसल, अलका ने नवीन पटनायक को बधाई देते हुए कहा था, '5 वां कार्यकाल। नवीन जी को बधाई। मैं पार्टी में हमेशा नवीन जी का उदाहरण देती रही, मात्र एक राज्य पर पूरी तरह फोकस कर अपनी पकड़ को मजबूत करो, इधर उधर भागने से, महागठबंधन के चक्कर में पड़ने से कुछ नही होगा, नवीन जी की तरह शांति से अपना काम किए चलो, पर कोई सुने तब ना।'