नई दिल्ली: देश के आर्थिक विकास की गति धिमी हो चुकी है. हाल ही में जारी हुए आकड़ों के मुताबिक, पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है. सरकार की तरफ से भी देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन बीजेपी के नेता इस मामले पर अजीबो गरीब बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं. इस मामले पर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने अजीब दलील दी है और कहा है कि सावन-भादो में हर साल मंदी रहती है.

बीजेपी नेता और बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लैंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किए हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा. वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार…'

केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।

उन्होंने आगे लिखा कि इस बार मंदी का शोर मचाकर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं. इसके साथ ही मोदी ने दावा किया कि बिहार में मंदी का खास असर नहीं है इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी. केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है.

आर्थिक सुस्ती को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई सुधार का काम कर रही हैं. उन्होंने हाल ही में बैंकों के विलय की घोषणा की थी. इसके साथ ही सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक से 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए मिले हैं, जिनका इस्तेमाल देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में किया जाएगा.