नई दिल्ली: गुजरात के नर्मदा जिले में एक रिहायशी सोसायटी में लोगों को मुसलमानों और दलितों को अपने घर ना बेचने की हिदायत देने वाले एक मामले में तूल पकड़ लिया। मामला जिले के नंदोद तालुका में स्थित वाडिया गांव में बनी कॉलोनी का है। दरअसल घर बेचने की हिदायत की लाइन सोसायटी की एक पैम्फलेट में लिखी गई, हालांकि बाद में दावा किया गया कि यह सोसायटी की बैठक में चर्चा किए जाने वाले एजेंडों की सूची का हिस्सा था। पैम्फलेट पर दलित समुदाय ने खासी नाराजगी जाहिर की है।

बता दें कि गुरुवार को सोशल मीडिया में वायरल हुए पैम्फलेट में सोसायटी में आगामी त्योहारों के साथ-साथ संपत्तियों की बिक्री पर लगाए जाने वाले शुल्क और समाज की सांस्कृतिक घटनाओं के बारे में कई बिंदुओं का उल्लेख किया गया। इसमें यह भी लिखा गया कि सदस्यों को ‘मुस्लिम और वणकर (दलित) समुदायों को संपत्ति बेचने से बचना चाहिए’।

मामले में सख्त एतराज जताते हुए दलित समुदाय के एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से मुलाकात कर जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन सौंपने वाली समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘हमने जिला कलेक्टर से मामले में जांच करने के लिए कहा है। साथ ही मांग की है कि समाज में इस तरह का भेदभाव फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। हमें उम्मीद है कि कार्रवाई की जाएगी।’

वहीं घटना की पुष्टि करते हुए नर्मदा जिला कलेक्टर आईके पटेल ने कहा कि ‘हमने कॉलोनी से इस मामले में जवाब देने को कहा। उन्होंने हमें बताया कि यह एक बैठक में चर्चा के लिए उनके एजेंडे का एक मसौदा था, हालांकि वह इस तरह कोई नियम नहीं बनाने जा रहे। यह रिहायशी सदस्यों से सुझावों के आधार पर तैयार की गई लिस्ट थी। हमने इस जवाब को स्वीकार कर लिया है, लेकिन अगर भेदभाव होता है तो इस मुद्दे पर नजर रखेंगे और जांच शुरू करेंगे।’