दस PSU बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला, सरकारी बैंक की संख्या 27 से घटकर 12

नई दिल्ली: सरकार ने देश में विश्वस्तर के मजबूत और बड़े बैंक बनाने की दिशा में आज अहम घोषणा की है। सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया गया।

इन विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इन बैंकों के विलय की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जायेगा।

इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पीएनबी दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का आपस में विलय कर चार बड़े बैंक अस्तित्व में आयेंगे। इसी प्रकार सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में जबकि इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया जायेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 थी लेकिन इस विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर केवल 12 रह जायेगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बैंकों को पर्याप्त पूंजी उपलब्ध करायी जाएगी।

पिछले सप्ताह उन्होंने चालू वित्त वर्ष के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी देने की घोषणा की थी। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि पूर्व में एसबीआई समेत जो भी विलय हुए, उसके कारण कोई छंटनी नहीं हुई और सेवा स्थिति पहले से बेहतर हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस विलय से कर्मचारियों को लाभ होगा।’’ उल्लेखनीय है कि इस साल देना बैंक और विजया बैंक का बैंक आफ बड़ोदा में विलय किया गया। इससे भी पहले, सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया।

इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र तथा पंजाब एंड सिंध बैंक पूर्व की तरह काम करते रहेंगे। इन बैंकों की अपनी क्षेत्रीय स्थिति मजबूत है। बैंक विलय की इन घोषणाओं के बाद पंजाब नेशनल बैंक का कारोबार आकार 17.94 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा और वह स्टेट बैंक के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक होगा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का कारोबार 52.05 लाख करोड़ रुपये है। वहीं केनरा बैंक प्रस्तावित विलय के बाद 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा। उसके बाद यूनियन बैंक आफ इंडिया का स्थान होगा जिसका कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये होगा।

इलाहाबाद बैंक के इंडियन बेंक में विलय के बाद वह 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ सातवां सबसे बड़ा बैंक बनेगा। विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद बैंक आफ बड़ौदा 16.13 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बना है।

इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी। यह विलय एक अप्रैल से प्रभावी हुआ। इन विलय के बाद सरकारी बैंक की संख्या 27 से घटकर 12 रह जायेगी। इससे पहले सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार हुआ है। बैंक का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2019 अंत में 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया।

वित्त मंत्री ने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना के क्रियान्वयन से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों के लिए पूंजी आधार में सुधार आया है। 3,300 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जा चुकी है और अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है।

सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए कदमों की घोषणा करने के लिए अपने दूसरे संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरू किए गए सुधारों का परिणाम दिखने लगा है। 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें से 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों में नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है।