लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रामपुर में जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज 28 मुकदमों और किताबें चोरी करने के एक केस में सपा सांसद आजम खान की अग्रिम जमानत की अर्जी को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है. बता दें कोर्ट ने मंगलवार को लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सांसद की ओर से दाखिल जिन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों पर मंगलवार को सुनवाई हुई, इनमें 28 जमीनों पर कब्जे से जुड़े मामले रहे. ये जमीनें आलियागंज के किसानों की हैं.

इन सभी किसानों का आरोप है कि सपा शासनकाल में मंत्री रहते आजम खान ने जबरन उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया. जमीनों को अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया. इसके अलावा एक मुकदमा मदरसा आलिया से किताबें चोरी का है, जो शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था. यह किताबें पुलिस ने पिछले दिनों जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से बरामद की थीं. सेशन कोर्ट में इन मामलों में अग्रिम जमानत पर बहस के लिए सांसद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं पूर्व सहायक महाधिवक्ता एसआर खान पहुंचे. उन्होंने और अन्य सहयोगी वकीलों ने सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि जमीनें खरीदी गई हैं.

वहीं प्रशासन की ओर से तैनात किए गए जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) ने बचाव पक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों को नकार दिया. कहा कि सभी मुकदमों के सुबूत हैं. पुलिस का इरादा किसी को अपमानित कर गिरफ्तार करने का नहीं है. अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) अजय तिवारी ने बताया कि बहस पूरी हो गई, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.