नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग के कारण 2 साल के लिए आईपीएल से बैन होने के बाद एक बार फिर चेन्नई सुपरकिंग्स विवादों में फंसती दिख रही है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पाया है कि चेन्नई सुपरकिंग्स में इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज ने 300 करोड़ रुपये का निवेश किया.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक ये निवेश साल 2018 में हुआ था. इस निवेश के पीछे क्या वजह है इसका पता प्रवर्तन निदेशालय लगा रहा है. बता दें साल 2018 में ही चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल में दो साल के बैन के बाद वापसी की थी. चेन्नई सुपरकिंग्स 2016 और 2017 में आईपीएल नहीं खेल पाई थी क्योंकि उसे स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाया गया था.

प्रवर्तन निदेशालय को इस बात का तब पता चला जब वो इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (के लोन और निवेश की जांच कर रही थी. ईडी ने पाया कि ये निवेश विशेष निवेश श्रेणी के तहत हुआ था. ईडी फिलहाल इस मामले के लेन-देन और उसकी वैधता की जांच कर रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में चेन्नई सुपरकिंग्स फ्रेंचाइजी से पूछताछ भी हो सकती है. निदेशालय लेन-देन के बारे में समझने के लिए तीन बार की आईपीएल चैंपियन चेन्नई से बात कर सकती है. IL&FS का सीनियर मैनेजमेंट इस मामले में आरोपी है तो उनसे भी ईडी की पूछताछ संभव है. वैसे ये मामला सामने आने के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. फ्रेंचाइजी के मुताबिक ईडी ने इस मामले में उनसे अब तक संपर्क ही नहीं साधा है.