नई दिल्ली: आर्थिक मंदी ने ऑटो सेक्टर की हालत खस्ता कर दी है। आर्थिक क्षेत्र में सुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार और बाइक की ब्रिकी पिछले दो दशक में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। इस साल जुलाई में लगातार नौवें महीने ऑटो सेल में बिक्री में गिरावट देखने को मिली।

बिक्री में गिरावट का असर इस क्षेत्र में नौकरी कटौती के रूप में सामने आ रहा है। जापानी कार निर्माता टोयोटा मोटर और दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई मोटर ने बिक्री में गिरावट से निपटने के लिए गाड़ियों का प्रोडक्शन रोक दिया है। स्थिति यह है कि कंपनियों को अपनी यूनिटें बंद रखने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसके साथ ही शिफ्ट में कटौती भी की जा रही है।

रॉयटर्स की खबर के अनुसार सूत्रों का कहना है मंदी की स्थिति गहराने पर कई कंपनियां अपने अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं। डेनसो कॉर्प की भारतीय इकाई जो कारों के लिए पावरट्रेन और एसी सिस्टम बनाती है। ने अपने मानेसर प्लान से 350 अस्थायी कर्मचारियों को निकाल दिया है।

मारुति सुजुकी की हिस्सेदारी वाली बेलसोनिका कंपनी ने भी अपने यहां मानेसर में 350 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है। बेलसोनिका फ्यूल टैंक और ब्रेक पैड बनाती है। इससे पहले रॉयटर्स ने ही खबर दी थी कि वाहन बनाने वाली कंपनियों, वाहन के पुर्जे बनाने वाली कंपनी और डीलने ने अपने यहां से करीब 3.50 लाख नौकरियों में कटौती की है।

टोयोटा ने 13 अगस्त को जारी नोटिस में अपने कर्मचारियों से कहा कि कंपनी बाजार में वाहनों की कम डिमांड को देखते हुए बेंगलुरु प्लांट में 16 और 17 अगस्त को प्रोडक्शन नहीं करेगी। कंपनी के पास अभी 7000 वाहनों का स्टॉक है। टॉयोटा भारतीय इकाई के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर एन. राजा ने कहा कि स्टॉक बढ़ने से बचाने के लिए अगस्त में पांच दिन प्रोडक्शन नहीं करने का फैसला किया है।

राजा का कहना है कि सरकार को इंडस्ट्री की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। वहीं, कोरियाई वाहन निर्माता कंपनी हुंडई ने भी 9 अगस्त को एक मेमो जारी कर अगस्त में अपनी यूनिट के बॉडी शॉप, पेंट शॉप और अपने इंजन और ट्रांसमिशन प्लांट के साथ ही अन्य विभागों में कई दिन तक प्रोडक्शन को रोक दिया है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि कंपनी को अगले महीने से शुरू हो रहे त्योहारी सीजन में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।