नई दिल्ली: सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया और उनसे पूछताछ कर 'बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए उनकी पांच दिनों की हिरासत मांगी। इस पर, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस पर आधे घंटे बाद फैसला सुनाया जायेगा। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने सीबीआई और चिदंबरम के वकील की जिरह को डेढ़ घंटे से अधिक समय तक सुना।

करीब डेढ़ घंटे तक चली बहस में कोर्ट में चिदंबरम ने अपने वकीलों के अलावे भी अपने बचाव में दलील पेश की। पी चिंदबरम ने कहा कि उन्होंने सीबीआई के पूछताछ में पूरा सहयोग किया। पी चिंदबरम ने कोर्ट में कहा कि कृपया आप सवाल और जवाब को देखें। एक भी प्रश्न नहीं है, जिसका मैंने जवाब नहीं दिया है। कृपया ट्रांस्क्रिप्ट पढ़ें। उन्होंने पूछा क्या विदेश में मेरा बैंक अकाउंट है, मैंने कहा नहीं। उन्होंने पूछा मेरे बेटा का है, मैंने कहा हैं मेरे बेटे का विदेश में एक बैंक अकाउंट है।

इससे पहले, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के वकीलों ने पूछताछ के लिए हिरासत में सौंपे जाने के सीबीआई के अनुरोध का अदालत में इस आधार पर विरोध किया कि चिदंबरम के बेटे कार्ति सहित अन्य सभी आरोपी को मामले में जमानत दी गई थी। चिदंबरम को जोरबाग स्थित उनके आवास से बुधवार रात गिरफ्तार किया गया था।

सॉलिसीटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने सीबीआई की ओर से पेश होते हुए अदालत से कहा कि एजेंसी इकबालिया बयान जबरन नहीं ले रही है, बल्कि उसके पास मामले की जड़ तक जाने का अधिकार है। सिब्बल के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी भी चिदंबरम की ओर से पेश हुए और उन्होंने सीबीआई की मांग का यह कहते हुए विरोध किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री के देश से बाहर जाने की आशंका नहीं है। सिंघवी ने कहा कि सीबीआई का समूचा मामला इंद्राणी मुखर्जी के बयान पर आधारित है, जो इस मामले में सरकारी गवाह बन गई। उन्होंने कहा कि चिदंबरम वह जवाब नहीं दे सकते जो सीबीआई सुनना चाहती है। उन्होंने कहा कि एजेंसी गोलमटोल जवाबों के आधार पर रिमांड नहीं मांग सकती।