नई दिल्ली: सरकार के सामने रोजगार सृजन एक बड़ी समस्या बना हुआ है। अब एलएंडटी के चेयरमैन और नेशनल स्किल डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन के हेड एएम नाईक ने यह कहकर और चिंता बढ़ा दी है कि सरकार की मेक इन इंडिया योजना के तहत ज्यादा नौकरियां नहीं पैदा हो पायी हैं। एएम नाईक इसकी वजह भी बताते हैं और कहते हैं कि कंपनियां देश में बने माल की बजाय विदेशों से माल आयात कर रही हैं।
लाइव मिंट के साथ बातचीत में एएम नाईक ने कहा कि प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया योजना के बारे में बहुत कहा गया और किया गया, लेकिन हम अभी भी सामान निर्यात करने के बजाय नौकरियां निर्यात कर रहे हैं। इसके साथ ही नाईक ने कहा कि विदेशों से सामान आयात कराने की एक वजह यह भी है कि विदेशों से माल उधार मिल जाता है, जबकि देश की कंपनियों के पास फाइनेंस के ज्यादा विकल्प नहीं हैं, ऐसे में वह उधार माल नहीं दे पाती हैं और इसके चलते कंपनियां विदेशों से माल मंगवाना ज्यादा पसंद करती हैं।
बता दें कि देश में हर साल एक करोड़ युवा जॉब मार्केट में शामिल होते हैं, लेकिन हम अभी उस अनुपात में नौकरियां नहीं पैदा कर पा रहे हैं। जीडीपी में भी गिरावट आयी है और आखिरी तिमाही में यह घटकर 5.8% पर आ गई है। वहीं आने वाले दिनों में इसके और कमजोर होने की आशंका जतायी जा रही है।
एलएंडटी के चेयरमैन एएम नाईक का कहना है कि अभी हम स्किल्ड लेबर की सप्लाई के साथ कदमताल नहीं कर पा रहे हैं और इसकी वजह मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आयी कमजोरी है। नाईक का कहना है कि हमें चीन की तरह तेज विकास करना होगा, क्योंकि हमारी जनसंख्या चीन के लगभग बराबर ही है।
स्किल डेवलेपमेंट की साल 2018 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, योजना के तहत देश के 11,035 ट्रेनिंग सेंटरों में 40 स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के जरिए उस साल 3.98 मिलियन युवाओं को ट्रेनिंग दी गई, लेकिन उनमें से सिर्फ 12% को ही रोजगार मिल सका।
नाईक का मानना है कि चीन और अमेरिका के बीच जारी व्यापार युद्ध का भी हम फायदा नहीं ले रहे हैं। नाईक के अनुसार, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देश इससे बखूबी फायदा ले रहे हैं और अपना माल निर्यात कर रहे हैं, लेकिन हम यहां भी फायदा नहीं ले पा रहे हैं।
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