नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर में मंदी का असर ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री और उत्पादन पर दिखने लगा है। भारतीय ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस साल 1 अप्रैल से अब तक अपने 1500 अस्थायी कर्मचारियों को काम से हटा दिया है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार कंपनी के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा कि यदि देश में मंदी का दौर जारी रहता है तो इसके कई और कर्मचारियों की नौकरी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऑटोपार्ट्स की सप्लाई करने वाले और डीलर की तरफ से अधिक छंटनी की जा रही है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी ने कहा, ‘1 अप्रैल से अब तक हमने करीब 1500 अस्थायी कर्मचारियों को काम से हटा दिया है… हम प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें नहीं हटाना पड़े लेकिन देश में मंदी जारी रहने की स्थिति में हमें और लोगों को भी काम से हटाने पर मजबूर होना पड़ेगा।’

उन्होंने कहा कि मौजूदा त्योहारी सीजन भारत की ऑटो इंडस्ट्री के बदलाव के लिए महत्वपूर्ण है अन्यथा नौकरी, निवेश के क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। मालूम हो कि इस साल जुलाई में भारत में पिछले 19 साल में ऑटो की बिक्री में सबसे तेज गिरावट हुई है। यह गिरावट करीब 18.71 फीसदी की है। इस वजह से पिछले दो से तीन महीनों में 15000 लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं।

दूसरी तरफ टॉयोटा ने भी अपने कर्नाटक प्लांट में इनोवा क्रिस्टा और फॉर्च्यूनर के उत्पादन में कटौती की है। कंपनी के डिप्टी मैनेजर (सेल एंड सर्विस) एन. राजा ने टेलीग्राफ से बातचीत में बताया कि बेंगलुरु का प्लांट अपनी 50-55 फीसदी क्षमता पर ही संचालित किया जा रहा है। कंपनी ने वीकेंड के साथ ही अगस्त में 4 दिन के लिए संचालन रोक दिया था।

कंपनी को उम्मीद है कि सितंबर में त्योहार के कारण उत्पादन में कटौती की जरूरत नहीं पड़ेगी। राजा ने कहा कि अगस्त में कंपनी की सेल्स में 20 फीसदी गिरावट का अनुमान है। वहीं, कोरियाई कंपनी ह्यूंडई ने भी चेन्नई में अपने प्रोडक्शन में कटौती की है। कंपनी ने 9 अगस्त को की गई घोषणा में कहा कि बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए पैसेंजर कार, पावरट्रेन सिस्टम और संबंधित सपोर्ट डिपार्टमेंट में अलग-अलग समय के दौरान प्रोडक्शन नहीं किया जाएगा।