जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि पूर्व की भाजपा की सरकार की लापरवाही से पहलू खान लिंचिंग मामले में आरोपियों को बरी किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें नई जांच शुरू की जाएगी। 2017 के अलवर लिंचिंग मामले में मवेशी व्यापारी पहलू खान को कथित तौर पर गाय की तस्करी के संदेह में कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला था।

गहलोत ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'पहलू खान मामले पर चर्चा की गई, पहले की सरकार द्वारा की गई लापरवाही की कल्पना नहीं की जा सकती है, इसीलिए आरोपियों को अदालत ने संदेह का लाभ दिया और बरी कर दिया गया।

उन्होंने कहा, 'पहलू खान प्रकरण ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था और जिस प्रकार की लापरवाहियां पिछली सरकार ने की वो कोई सोच नहीं सकता। लापरवाही करने की हदें पार कर गए। उसके कारण संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने मुजरिमों को बरी कर दिया। जो कमी उन्होंने रखी उसे दूर करने के लिए हमने SIT का गठन किया है।'

एसआईटी जांच करेगी और पुलिस की जांच में चूक और अनियमितताओं की पहचान करेगी। टीम का नेतृत्व उप महानिरीक्षक एसओजी नितिनदीप बल्गन करेंगे और इसमें एसपी, सीबी-सीआईडी समीर कुमार सिंह और एडिशनल एसपी, विजिलेंस, समीर दुबे भी शामिल होंगे। यह 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

अलवर की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को पहलू खान मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपी सभी छह लोगों को बरी कर दिया था। संदेह के लाभ पर आरोपियों को छोड़ दिया गया।

गहलोत ने कहा, 'भविष्य में गंभीर एवं सनसनीखेज अपराध का त्वरित एवं प्रभावी अनुसंधान हो सके तथा न्यायालय में गंभीर पैरवी हो, यह सुनिश्चित करने के लिए ADG (क्राइम) के सुपरविजन में एक विशेष इकाई के रूप में 'जघन्य अपराध मॉनीटरिंग यूनिट' का गठन किया जाएगा। इसका प्रभारी अधिकारी IG रैंक का पुलिस ऑफिसर होगा। एक DIG और दो SP रैंक के अधिकारी, दो विधि अधिकारी और प्रत्येक रेंज व पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में एक-एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या पुलिस उप अधीक्षक रैंक का अधिकारी इसमें शामिल होगा।'