नई दिल्ली: देश के ऑटो सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी ने अपने 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. मारुति सुजुकी इंडिया कंपनी के अधिकारी ने यह जानकारी दी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा ऑटो इंडस्ट्री में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं किया गया है. हालांकि मारुति सुजुकी में काम कर रहे स्थायी कर्मचारियों पर इसका असर नहीं होगा.

क्यों हुई छंटनी-आर सी भार्गव ने कुछ निजी टीवी चैनलों से बातचीत में बताया है कि यह बिजनेस का हिस्सा है, जब मांग बढ़ती है तो कॉन्ट्रैक्ट पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है. वहीं, जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है. उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3,000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है.

भार्गव ने दोहराया कि वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बिक्री, सेवा, बीमा, लाइसेंस, वित्तपोषण, चालक, पेट्रोल पंप, परिवहन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है. उन्होंने चेताया कि वाहन बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा.

आपको बता दें ऑटो सेक्टर में 19 साल में यह सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले इसी तरह की गिरावट 2008-09 और 2013-14 के आसपास के समय में देखी गई थी.