नई दिल्ली; पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को संकेत दिए कि भारत परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने से जुड़ी अपनी नीति को बदल भी सकता है.

रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को पोखरण में कहा, 'परमाणु आयुद्ध को लेकर अब तक हमारी नीति 'पहले इस्तेमाल न करने' की रही है. अब भविष्य में क्या होता है, यह उस वक्त के हालात पर निर्भर करता है.'

राजनाथ सिंह ने ये बयान पोखरन में दिया. ये वही जगह है जहां 1998 में भारत ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 5 न्यूक्लियर टेस्ट किए थे. खास बात ये है कि आज पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि है. रक्षा मंत्री ने आज पोखरण में वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने ये बातें कही.

वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा, ''ये एक संयोग है कि आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि है और मैं जैसलमेर में हूं. ऐसे में लगा कि मुझे उन्हें पोखरण की धरती से ही श्रद्धांजलि देनी चाहिए''

नो फर्स्ट यूज़ (NFU) का मतलब है तब तक न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल न करना जब तक विराधी पहले इससे हमला न करे. भारत ने नूक्लियर हथियार आगे बढ़ कर पहले न इस्तेमाल करने की पॉलिसी 1998 में पोखरण-2 के बाद अपनाई थी.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि भारत किसी भी दुश्मन के खिलाफ आगे बढ़कर न्यूक्लिर हथियार का इस्तेमाल नहीं करेगा.

हाल के दिनों में परमाणु सुरक्षा प्रतिष्ठान के कई रिटायर्ड सदस्यों ने भारत के NFU पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं. इसके अलावा पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर मनोहर पर्रिकर ने भी साल 2016 में NFU की जरूरत पर सवाल उठाए थे.