लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी का एलान

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है। पीएम मोदी ने कहा, तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और उन्हें प्रभावी नेतृत्व मुहैया कराने के लिये ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ (सीडीएस) बनाया जाएगा, इससे सेना और अधिक प्रभावी होगी।

पीएम ने बताया कि तीनों सेना के प्रमुखों पर एक चीफ नियुक्त होगा। उसे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) कहा जाएगा। इस पद की मांग करगिल युद्ध के बाद से ही हो रही थी।

1999 में हुए कारगिल युद्ध के बाद देश की सुरक्षा प्रणाली की खामियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गयी थी जिसने रक्षा मंत्री के सैन्य सलाहकार के तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त करने की मांग की थी।
2001 में ही नरेश चंद्रा समिति ने भी सरकार और सशस्त्र बलों के बीच एक सलाहकार की जरूरत बताई थी।

2012 में नरेश चंद्र कार्यबल ने चीफ ऑफ डिफेंस कमेटी के स्थायी प्रमुख के पद के सृजन की सिफारिश की थी। चीफ ऑफ डिफेंस कमेटी में सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख शामिल हैं और मौजूदा नियमों के अनुरूप उनमें से वरिष्ठतम उसके प्रमुख के तौर पर काम करते हैं।
उसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल डी.बी. शेकटकर समिति ने भी 2016 में फिर इसे दोहराया था, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया।

एक रिपोर्ट के अनुसार सीडीएस सैन्य बलों का एकीकरण करेगा और 17 अलग-अलग कमान ढांचों को तीन कमान का स्वरूप देगा—उत्तरी कमान चीन के लिए, पश्चिमी कमान पाकिस्तान के लिए और दक्षिण कमान समुद्री क्षेत्र के लिए. इससे न केवल संसाधनों की बचत होगी, सैन्य प्रभावशीलता भी बढ़ेगी।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के कदम की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘हम समस्यों को न टालते हैं, न पालते हैं।’’

प्रधानमंत्री ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम समस्याओं को टालते भी नहीं और पालते भी नहीं हैं। अब न टालने का समय है और न ही पालने का समय है।

सरकार बनने के 70 दिनों भीतर संसद के दोनों सदनों ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का निर्णय का अनुमोदन किया।’’

मोदी ने कहा, ‘‘देशवासियों ने जो काम दिया, हम उसे पूरा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास किया, लेकिन इच्छा के अनुरूप परिणाम नहीं मिले हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सपनों को पंख लगें, यह हम सबकी जिम्मेदारी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग अनुच्छेद 370 की वकालत कर रहे हैं उनसे देश पूछ रहा है कि अगर यह इतना महत्वपूर्ण था तो इसे आप लोगों ने स्थायी क्यों नहीं किया, अस्थायी क्यों बनाए रखा ?’’

उन्होंने कहा, ‘‘नयी सरकार को 10 हफ्ते भी नहीं हुए हैं, लेकिन इस छोटे से कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में हर प्रयास को बल दिए गए हैं, हम पूरे समर्पण के साथ सेवारत हैं।’’

मोदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया गया ।