नई दिल्ली : पहलू खान हत्याकांड में अलवर जिला न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया। बता दें कि गोतस्करी के आरोप में भीड़ ने एक अप्रैल 2017 को पहलू खान की पिटाई की और इसके दो दिनों बाद पहलू खान की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने दो नाबालिगों को भी आरोपी बनाया है। नाबालिगों की जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है।

बता दें कि जयपुर-अलवर राजमार्ग पर करीब दो दर्जन लोगों ने गोतस्करी के आरोप में पहलू खान और उसके दो लड़कों पर हमला कर दिया। इस हमले में खान बुरी तरह घायल हो गया। खास बात यह है कि पहलू खान पर हमले की घटना कैमरे में रिकॉर्ड हुई थी। जख्मी हालत में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां दो दिन के बाद उसकी मौत हो गई। मामले मे पुलिस ने नौ लोगों को आरोपी बनाया था लेकिन मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने छह आरोपियों को बरी कर दिया।

पहलू खान हत्याकांड मामले की सुनवाई गत सात अगस्त को पूरी हो गई। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके पहले मामले में आरोपी बनाए गए छह लोगों को छोड़ दिया गया। इस मामले में दो आरोपी नाबालिग हैं जिनका केस जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। फैसले से पहले पहलू खान के वकील कासिम खान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा होगी। उन्होंने कहा, 'इस हत्याकांड में राजनीतिक दबाव था। हमें उम्मीद है कि कोर्ट आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाएगा।' फैसाल आने के दिन मेवात किसान पंचायत के सदस्य भी कोर्ट में मौजूद थे।

फैसला आने के बाद पहलू खान के वकील ने कहा, 'कोर्ट ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है। फैसले की प्रति मिलने के बाद हम उसे देखेंगे और इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।' वहीं, बचाव पक्ष के एक व्यक्ति ने कहा कि पहलू खान के पास पशु खरीदने की परमिट नहीं थी। इस मामले को राजनीतिक रंग देकर लोगों को आरोपी बनाया गया। कोर्ट ने न्याय किया है। पहूल खान की मौत पीटने से नहीं बल्कि हृदयाघात से हुआ।