नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका मरणोपरांत सम्मानित

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया. भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को मरणोपरांत यह पुरस्कार मिला है. राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रणब मुखर्जी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया. वहीं, राष्ट्रपति कोविंद ने भूपेन हजारिका का पुरस्कार उनके बेटे तेज हजारिका को दिया. वहीं, नानाजी देशमुख का अवार्ड दीनदयान रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन वीरेंद्रजीत सिंह ने प्राप्त किया.

भारत रत्न सम्मान का ऐलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को किया गया था. भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है. इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी. पहला भारत रत्न डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिया गया था.